कुसमुंडा-धरमपुर नराईबोध क्षेत्र में पर्यावरण नियमों और प्रशासनिक आदेशों को दर किनार करते हुए कई ईंटो के भठ्ठे बेधड़क संचालित हो रहे हैं। इन भट्ठों के पास न तो पर्यावरण स्वीकृति है, और न ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति, न ही भूमि उपयोग की वैध स्वीकृति। इसके बावजूद, ये अवैध संचालन खुले आम जारी है, और हैरानी की बात यह है कि प्रशासन पूरी तरह से मौन है।
भट्ठों से निकलने वाला धुआं और धूल न सिर्फ हवा को जहरीला बना रहा हैं, बल्कि पास के खेतों की उपजाऊ मिट्टी को भी खत्म कर रहे हैं। रात-दिन धुएं से सांस लेना मुश्किल हो गया है।
यह भी सोचने की बात है के भठ्ठो में ईंटो को पकाने के लिए कोयला कहा से आ रहा है। क्या यह कोयला चोरी का है, जो SECL खदानों से चोरी कर लाया जाता है। लेकिन शासन प्रशासन आंखें मूंदे बैठे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार मजदूरों से भी बिना किसी सुरक्षा और सुविधा के काम लिया जा रहा है, जिससे श्रम कानूनों का खुले आम उल्लंघन हो रहा है।
एक सवाल प्रशासन से भी क्यो इन ईटो के भठ्ठो पर कोई कार्यवाही नही होगी क्या इन अवैध भट्ठों को किसी तरह का राजनीतिक या प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है ?