आईपीएस रचिता जुयाल ने 10 साल की सेवा के बाद दिया इस्तीफा, कहा- निजी कारणों से लिया फैसला, उत्तराखंड के विकास में करती रहेंगी योगदान


देहरादून, 3 जून:
उत्तराखंड कैडर की 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी रचिता जुयाल ने 10 वर्षों की सेवा के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा कि यह फैसला उन्होंने निजी कारणों से लिया है और अब वह अपनी अन्य आकांक्षाओं को पूरा करना चाहती हैं।

जुयाल ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “मैंने हाल ही में व्यक्तिगत कारणों से 10 साल की सेवा पूरी करने के बाद अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हर किसी की जिंदगी में कुछ योजनाएं होती हैं और मेरी भी कुछ आकांक्षाएं हैं, जिन्हें मैं पूरा करना चाहती हूं। यह फैसला मेरे परिवार में काफी समय से चर्चा में था और हमने अपनी सुविधा के आधार पर यह फैसला लिया है। उत्तराखंड के लिए मेरा प्यार मजबूत है और मैं राज्य के लिए हर संभव तरीके से योगदान देना जारी रखूंगी।”

बताया जा रहा है कि रचिता जुयाल, इस्तीफे से पहले उत्तराखंड के सतर्कता विभाग में एसपी (पुलिस अधीक्षक) के पद पर कार्यरत थीं। हालांकि उन्होंने अपने त्यागपत्र की कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई है, लेकिन मीडिया सूत्रों का कहना है कि वह अपने काम में प्रशासनिक हस्तक्षेप से असंतुष्ट थीं और यही संभवतः उनके इस्तीफे की वजह बनी।

उत्तराखंड के प्रशासनिक और पुलिस महकमे में रचिता जुयाल को एक प्रतिबद्ध और ईमानदार अधिकारी के रूप में जाना जाता था। उनके इस फैसले से राज्य की पुलिस सेवा को एक बड़ा झटका लगा है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रचिता जुयाल सार्वजनिक जीवन में किस भूमिका में आगे आती हैं और किस तरह उत्तराखंड के विकास में योगदान देती हैं।

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