मुंगेली में फर्जी निवास प्रमाण पत्र गिरोह का भंडाफोड़, BSF में नौकरी के लिए रच रहे थे साजिश
मुंगेली, 8 जून।
जिले की पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए फर्जी निवास प्रमाण पत्र तैयार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह उत्तर प्रदेश से आकर छत्तीसगढ़ के निवास प्रमाण पत्र तैयार कर बीएसएफ (BSF) में सरकारी नौकरी हासिल करने की तैयारी में था। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से कई फर्जी दस्तावेज, नोटरी के कोरे प्रमाण पत्र, दाखिल-खारिज के कागजात, सील और तीन मोबाइल फोन जब्त किए हैं।
पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देशन में गठित विशेष टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी योगेंद्र कुमार (29 वर्ष) निवासी अंडला थाना खैर, जिला अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) और प्रशांत राजपूत (30 वर्ष) निवासी डौकी थाना डौकी, जिला आगरा (उत्तर प्रदेश) अपने आप को ग्राम कंतेली, जिला मुंगेली का निवासी बताकर विशाल पिता यशपाल सिंह के चरित्र सत्यापन के लिए मुंगेली पुलिस कार्यालय पहुंचे थे।
उनकी गतिविधियों पर संदेह होने पर तत्काल पुलिस अधीक्षक को सूचना दी गई। एसपी पटेल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उप पुलिस अधीक्षक नवनीत पाटिल के नेतृत्व में साइबर सेल एवं थाना लालपुर पुलिस की विशेष टीम गठित कर जांच के आदेश दिए।
जांच में ग्राम कंतेली के सरपंच प्रतिनिधि, कोटवार एवं अन्य ग्रामीणों से पूछताछ करने पर यह स्पष्ट हुआ कि विशाल नामक व्यक्ति गांव में कभी नहीं रहा है। आरोपियों के संबंध में भी गांव में कोई जानकारी नहीं मिली।
सख्ती से पूछताछ करने पर दोनों आरोपियों ने बताया कि वे 2 जून 2025 को उत्तर प्रदेश से आकर बिलासपुर के होटल अंबे पैलेस में रुके थे। यहां उन्होंने विशाल पिता यशपाल सिंह को फतेहाबाद (उत्तर प्रदेश) निवासी बताते हुए फर्जी तरीके से ग्राम कंतेली, जिला मुंगेली का मूल निवास प्रमाण पत्र तैयार कराया। इस फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर 171 बीएन बीएसएफ में नौकरी के लिए प्रयासरत थे।
उनके ठहरने के स्थान से तलाशी में फर्जी निवास प्रमाण पत्र, नोटरी के कोरे प्रमाण पत्र, दाखिल-खारिज के दस्तावेज, सील और तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए। पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह पूरा रैकेट पैसों के लालच में संचालित किया जा रहा था।
थाना लालपुर में अपराध क्रमांक 103/2025 के तहत धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों को 7 जून को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।
पुलिस को इस गिरोह से जुड़े अन्य नेटवर्क की भी जानकारी मिली है। बताया जा रहा है कि एसआरई जिलों के निवासी होने पर केंद्रीय बलों में भर्ती के दौरान 5 अतिरिक्त अंक मिलते हैं। इसी लाभ को पाने के लिए राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के कई अभ्यर्थी एजेंटों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के एसआरई जिलों के फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवा रहे हैं।
इस कार्रवाई में थाना लालपुर, साइबर सेल और जिला विशेष शाखा के अधिकारियों और कर्मचारियों की अहम भूमिका रही। पुलिस मामले में और गहन जांच कर रही है ताकि पूरे रैकेट को बेनकाब किया जा सके।