SECL गेवरा ऑफिस में घेराव के दौरान CISF अधिकारियों द्वारा नराइबोध ग्रामीणों के साथ बदसलूकी CISF के कार्य शैली और उठता सवाल ?

मुआवज़ा और पुनर्वास की मांग को लेकर नराइबोध ग्रामीणों ने SECL गेवरा CGM ऑफिस का घेराव किया

CISF अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों को धमकी और बदसलूकी, ग्रामीण माफी और FIR की कर रहे मांग


गेवरा, 10 जून 2025 (CG ई खबर छ.ग. राज्य ब्यूरो चीफ ओम प्रकाश पटेल)— नराइबोध गांव के सैकड़ों ग्रामीणों ने आज दिनांक 10 जून 2025 को अपनी लंबित मुआवज़ा और पुनर्वास (बसावट) की मांग को लेकर SECL गेवरा CGM कार्यालय का घेराव किया।

ग्रामीणों का कहना है कि कुछ सप्ताह पूर्व SECL अधिकारियों ने वैशाली नगर के समीप खाली पड़ी भूमि का निरीक्षण कराया था और वहां पुनर्वास के लिए सहमति भी बनी थी। SECL के अधिकारियों ने बताया था कि यह भूमि कुसमुंडा परियोजना के अंतर्गत आती है और जल्द ही स्थिति स्पष्ट कर दी जाएगी। साथ ही, त्रिपक्षीय बैठक कराने का आश्वासन भी दिया गया था।

मगर अब तक न तो कोई जवाब मिला, न ही बैठक कराई गई, जिससे ग्रामीणों में भारी नाराज़गी है। इसी के विरोध स्वरूप आज ग्रामीणों ने गेवरा CGM कार्यालय के दोनों प्रवेश द्वारों का शांतिपूर्ण घेराव किया।

CISF द्वारा धमकी और ग्रामीण के साथ बदसलूकी 

घेराव के दौरान CISF के अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों से बदसलूकी किया गया व लाठीचार्ज की धमकी देने लगे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, CISF कमांडर, जिनका कार्यालय CGM ऑफिस परिसर के अंदर ही है, वाहन से कार्यालय में प्रवेश करना चाह रहे थे। ग्रामीणों ने हाथ जोड़कर आग्रह किया कि वे पैदल प्रवेश करें ताकि घेराव शांतिपूर्ण बना रहे।

लेकिन CISF कमांडर ने गाड़ी से उतरकर "5 मिनट में रास्ता खाली करो, वरना लाठीचार्ज किया जाएगा" कहकर धमकी दी। इसी दौरान ग्रामीण रमेश पटेल को पकड़कर गेट के अंदर खींचने की कोशिश की गई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

जब ग्रामीणों ने विरोध किया, तो CISF के अन्य अधिकारी बलपूर्वक वाहन को अंदर ले गए और महिलाओं के साथ धक्का-मुक्की तथा पुरुष CISF द्वारा महिलाओं के साथ जबरन उठाने जैसी कार्रवाई की गई।

माफी और FIR की मांग

घटना के बाद ग्रामीणों ने एक सुर में मांग की कि CISF अधिकारी सार्वजनिक रूप से माफी मांगे। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो ग्रामीण CISF अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कराने की कार्रवाई करेंगे।

ग्रामीणों का कहना है कि वे अपनी वैध मांगों के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और इस तरह का व्यवहार लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है।

प्रशासन से ठोस कार्रवाई की अपेक्षा

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि SECL द्वारा की गई घोषणाओं और आश्वासनों को शीघ्र पूरा किया जाए, तथा ऐसे घटनाक्रम दोबारा न हों, इसके लिए उचित कदम उठाए जाएं।

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