कोण्डागांव, 13 जुलाई (CG ई खबर प्रमुख संपादक : ओम प्रकाश पटेल)।
कोण्डागांव पुलिस ने एक अज्ञात शव की गुत्थी को सुलझाकर एक चौंकाने वाले प्रेम-प्रसंग हत्याकांड का खुलासा किया है। इस सनसनीखेज मामले में पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की बेरहमी से हत्या कर दी। चौंकाने वाली बात यह रही कि पूरे हत्याकांड की कड़ी एक अधजली एंटी रेबीज पर्ची बनी, जो मृतक की जेब में बची रह गई थी।
अधजली पर्ची ने खोला राज
घटना 30 जून की है, जब मगेदा जंगल में एक अज्ञात शव संदिग्ध हालत में मिला था। माकड़ी थाना पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू की। शव की पहचान मुश्किल थी, लेकिन मृतक की जेब से मिली पीली रंग की अधजली एंटी-रेबीज पर्ची ने केस की दिशा ही बदल दी। उस पर्ची पर नाम लिखा था – धर्मवीर नेताम।
पुलिस ने इस आधार पर तमिलनाडु के धरमपुरी अस्पताल से संपर्क किया, जहाँ से पुष्टि हुई कि मृतक नगरी जिला धमतरी निवासी धर्मवीर नेताम था। इसके बाद पुलिस ने धर्मवीर की पत्नी रवीना नागरची से पूछताछ शुरू की।
पत्नी और प्रेमी की साजिश
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, पुलिस को चौंकाने वाले सुराग मिले। मोबाइल डेटा, टावर लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण में पता चला कि धर्मवीर का दोस्त विदेश मरकाम ही उसे इलाज के बहाने अस्पताल ले गया था और उसी ने रवीना के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी।
हत्या की रात धर्मवीर को शराब पिलाई गई और सुनसान जंगल में ले जाकर क्रिकेट बैट से उसके सिर पर वार कर हत्या कर दी गई। अगले दिन आरोपियों ने शव को पेट्रोल डालकर जलाने की कोशिश की, लेकिन बारिश के चलते शव पूरी तरह जल नहीं सका, जिससे सुराग बच गए।
दोनों आरोपी गिरफ्तार
कोण्डागांव पुलिस की विशेष टीम ने तकनीकी सहायता और तफ्तीश के बल पर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपी हैं –
- विदेश मरकाम (30) निवासी ग्राम कंडेतरा, थाना कुदई, जिला नवरंगपुर, उड़ीसा
- रवीना नागरची उर्फ विदेश गागरची (23) निवासी उमरगांव, थाना सिहावा, हाल निवासी ग्राम कुकरेल, थाना केरेगांव, जिला धमतरी
दोनों ने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया है। यह पूरी कार्रवाई पुलिस अधीक्षक येदुवेल्ली अक्षय कुमार के निर्देशन में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कौशलेंद्र देव पटेल और एसडीओपी रूपेश कुमार के नेतृत्व में की गई। माकड़ी थाना स्टाफ और साइबर सेल की सूझबूझ से यह जघन्य अपराध बेनकाब हुआ।
यह मामला न केवल पुलिस की सतर्कता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अपराध कितना भी सुनियोजित क्यों न हो, सच छुप नहीं सकता।