शीर्षक: कोरबा में बारिश का कहर: तान नदी उफान पर, दर्री बांध के गेट खुले, कई गांवों में बाढ़ का खतरा

मूसलाधार बारिश से तान नदी उफान पर, दर्री बांध के गेट खोलने पड़े, हसदेव में भी जलस्तर बढ़ा; बाढ़ का खतरा मंडराया


कोरबा। (CG ई खबर|प्रमुख संपादक : ओम प्रकाश पटेल)
बुधवार-गुरुवार की रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश का असर अब नदियों में दिखने लगा है। लगातार बारिश के कारण तान नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया, जिससे गुरुवार को दर्री बांध के गेट खोलने की नौबत आ गई।

सुबह 10:15 बजे पहले 7 नंबर गेट को 2 फीट तक खोला गया। जलस्तर बढ़ता देख 11 बजे गेट को 6 फीट तक खोलना पड़ा। दोपहर 12:45 बजे जल दबाव और बढ़ने पर गेट 10 फीट तक खोल दिया गया। इसके बाद दोपहर 1:30 बजे 12 नंबर गेट को भी 6 फीट तक खोला गया, जिसे 2:30 बजे 8 फीट कर दिया गया। शाम 4 बजे जलस्तर में हल्की गिरावट आने पर 12 नंबर गेट को 4 फीट तक बंद किया गया। शाम 6 बजे तक 7 नंबर गेट 6 फीट और 12 नंबर गेट 4 फीट खुले रहे।

इस बीच, हसदेव नदी में भी जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। ऊपरी इलाकों से तान नदी का पानी हसदेव में मिलने से प्रवाह काफी तेज हो गया। सर्वेश्वर एनीकट में भी पानी ओवरफ्लो कर रहा है।

लोगों की भीड़ उमड़ी, बाढ़ का डर बढ़ा
दर्री बांध और सर्वेश्वर एनीकट में पानी का नजारा देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटने लगे। मगर लगातार बढ़ते जलस्तर से नदी किनारे बसे गांवों के लोगों की चिंता बढ़ गई है।

सीतीमढ़ी समेत कई इलाकों में अवैध रेत उत्खनन के चलते तटों का कटाव हो चुका है, जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। बस्ती क्षेत्र में पानी भरने की स्थिति बनने पर प्रशासन अस्थायी शरणस्थल तय करता है, लेकिन पहले से स्थाई व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इन गांवों पर मंडरा रहा है बाढ़ का खतरा
लगातार हो रही बारिश से निम्न क्षेत्रों में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है: **बांगो, लेपरा, नुनिया, कछार, कोनकोना, पोड़ी उपरोड़ा, चर्रा, पाराघाट, छिनमेर, सिरकी कला, कोड़ा, पाथा, सिलीयारीपारा, तिलसाभाटा, हथमार, छिर्यापारा, डग्गुपारा, करमीपारा, जूनापारा, लोरीडांड, टुंगमुड़ा, तिलाईडाड, नवागांव, झोरा, कोड़ियाघाट, पोंड़ीखोहा, डोंगाघाट, धनगांव, लोतलोता, नर्मदा, औराकछार, झाबू, सोनगुड़ा, नवागांव, स्याहीमुड़ा, जेलगांव, चारपारा, खैरभवना, बलरामपुर, भलपहरी, जोगीपाली, कोहड़िया, राताखार, गेवराघाट, इमलीडुग्गु, कुदुरमाल, बरीडीह, मोहरा, देवरी, चिचोली, कटबितला, झीका, ढिठोली आदि।

सावधानी बरतें, प्रशासन अलर्ट मोड पर
जल संसाधन विभाग और प्रशासन ने नदी किनारे बसे लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। कंट्रोल रूम से लगातार जलस्तर की निगरानी की जा रही है।

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