कोरबा। ( CG ई खबर |प्रमुख संपादक : ओम प्रकाश पटेल) प्रदेश में मुआवजा घोटाले की चिंगारी अब भड़क चुकी है! कोरबा ज़िले में SECL दीपका विस्तार परियोजना का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद सवाल उठ रहे हैं—क्या दोषियों पर FIR होगी या पूरा मामला लीपापोती में निपटा दिया जाएगा?
नेशनल हाईवे व फोरलेन मुआवजा घोटाले की फाइलें महीनों से धूल फांक रही थीं, पर दीपका घोटाले में प्रशासन अब हरकत में है।
गांव समतल हो चुका है, पर फर्जी मुआवजा लेने वालों की सूची आज भी रहस्य बनी हुई है।
कलेक्टर के आदेश पर SDM कटघोरा रोहित सिंह ने मलगांव में मुआवजा घोटाले की जांच तेज कर दी है।
जांच में 152 फर्जी मकान सामने आए हैं, जो कागजों में तो थे, लेकिन जमीनी हकीकत में नहीं!
अब सबसे बड़ा सवाल—
➤ ये 152 मकान किनके नाम बने?
➤ कितने करोड़ का मुआवजा बांटा गया?
➤ किन अफसरों ने इन फर्जी दस्तावेजों पर दस्तखत किए?
अभी तक नाम गोपनीय हैं, पर चर्चा तेज है— मलगांव में ये घोटाला तब शुरू हुआ, जब गांव आबाद था।
0 तेंदुलकर से शुरू, महिलांगे पर खत्म—अब रोहित सिंह जांच में
साल 2023 में SDM कौशल प्रसाद तेंदुलकर के समय जमीन अधिग्रहण शुरू हुआ।
फिर SDM शिव बनर्जी आए, जिन्होंने 688 लोगों का सर्वे कराया।
इसके बाद ऋचा सिंह SDM बनीं, उनके समय संख्या बढ़कर 1638 पहुंची।
तीन बार नापजोख, तीन बार मेजरमेंट बुक, फिर भी फर्जीवाड़ा थमा नहीं!
अब SDM रोहित सिंह की टीम खुलासे कर रही है।
दीपका हाउस में 'डीलिंग', CBI जांच से मचा हड़कंप
SECL दीपका प्रबंधन की नापजोख के बाद दीपका हाउस में गुप्त बैठक हुई।
मुख्य भूमिका में रहे—मनोज गोभिल व श्यामू जायसवाल।
सीबीआई में शिकायत हुई तो दोनों के ठिकानों पर जांच शुरू हुई।
250 लोग मुआवजा लेने ही नहीं आ रहे!
जांच में यह भी सामने आया है कि 250 लोग ऐसे हैं, जिन्होंने मुआवजा पत्रक तो बनवा लिया, पर पैसे लेने अब सामने नहीं आ रहे। सवाल उठ रहे हैं कि क्या 152 काल्पनिक मकान वाली सूची असल में 250 तक पहुंच सकती है?
अगला टारगेट: रलिया और नराईबोध
सूत्रों का दावा है कि रलिया, भिलाई बाजार और नराईबोध गांवों में भी मुआवजा के बड़े खेल की तैयारी है। यहां दलालों ने जमीनों पर पहले से निर्माण करवा दिए हैं। इन गांवों में बड़े अधिकारियों से लेकर नेताओं व व्यापारियों तक का नाम सामने आ रहा है।
CBI जांच में फर्जीवाड़ा बेनकाब:
मनोज गोभिल व उसके रिश्तेदारों के 5 मुआवजा पत्रक फर्जी पाए गए।
श्यामू जायसवाल के सभी मुआवजे फिलहाल रोक दिए गए हैं।
फर्जी मुआवजा पाने वालों में— प्रमोद कुमार, नीलम, बरातु और विमला देवी के नाम शामिल।
तारीख याद रखें:
ये फर्जी मुआवजा पत्रक 27 फरवरी 2024 को तैयार हुए थे, जिनमें सरकारी अफसरों की मिलीभगत साफ दिख रही है।
अब जनता का सवाल:
■ क्या FIR होगी?
■ क्या दोषी अफसरों पर कार्रवाई होगी?
■ या फिर इस मामले का भी ‘समाधान’ कर दिया जाएगा?
जवाब जल्द मिल सकता है, पर अभी पूरा जिला बस यही पूछ रहा है—
"गुनाहगार सलाखों के पीछे जाएंगे या फिर 'ऊपर से दबाव' में मामला रफा-दफा होगा?"