राजनांदगांव (CG ई खबर): राजनांदगांव शहर के दीवान पारा में फ्रेंड्स क्लब गणेश उत्सव समिति द्वारा इस बार छत्तीसगढ़ी सभ्यता और संस्कृति पर आधारित भव्य पूजा पंडाल तैयार किया गया है। इस अनोखे पंडाल में भगवान गणेश को बाल रूप में अठखेलियां करते हुए दिखाया गया है।
पूरे पंडाल को मिट्टी, घास-फूस और खादर से निर्मित घर के स्वरूप में सजाया गया है, जो गांव के पुराने दौर के सुसज्जित एवं व्यवस्थित घरों की झलक पेश कर रहा है। पंडाल का मुख्य उद्देश्य विलुप्त हो रही छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परंपराओं को पुनर्जीवित करना और नई पीढ़ी को इनसे रूबरू कराना है।
पंडाल में छत्तीसगढ़ी परिधान में एक महिला को करधन, सुता, मुंदरी समेत पारंपरिक श्रृंगार में चूल्हे पर रोटियां बनाते दिखाया गया है। वहीं, भगवान गणेश को अपने बाल सखा की पीठ पर सवार रूप में सजाया गया है, जो खुशहाल परिवार और समृद्ध छत्तीसगढ़ी संस्कृति का प्रतीक है।
समिति के अध्यक्ष मोंटू यादव ने बताया कि आधुनिकता के दौर में छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा धीरे-धीरे खोती जा रही है। इस पंडाल के माध्यम से समाज को यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि हम अपनी संस्कृति को न सिर्फ याद रखें बल्कि उसे सहेजकर अगली पीढ़ी तक पहुंचाएं।
पंडाल में पुराने समय की घरेलू वस्तुएं और खेल सामग्री जैसे चूल्हा, सिगड़ी, गोबर के कंडे, मिट्टी के बर्तन, झंहुआ, पररा, सुपा, सिलबट्टा, लालटेन, माखन की हांडी, सुवा, देवस्थान, बांटी, भवरा, गाय, बैल और तुलसी चौरा प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें से कई सामग्री मिट्टी से बनी हैं जो हू-ब-हू असली जैसी प्रतीत हो रही हैं।
बुजुर्ग जहां इस पंडाल में आकर पुराने दिनों की यादों में खो जाते हैं, वहीं बच्चे और युवा पारंपरिक सामग्री देखकर काफी उत्साहित हो रहे हैं। यह पंडाल छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और परंपरा का जीवंत दर्शन कराता है।