कटघोरा/गेवरा (CG ई खबर): एसईसीएल गेवरा क्षेत्र एवं प्रशासन द्वारा ग्राम नरईबोध के बसाहट और रोजगार संबंधी मुद्दों पर की गई बैठकों में लिए गए निर्णयों के बावजूद अब तक ठोस कार्रवाई न होने से ग्रामवासियों में आक्रोश बढ़ गया है। ग्रामवासियों ने आरोप लगाया है कि एसईसीएल और प्रशासन वादाखिलाफी कर रहे हैं।
30 जुलाई 2025 को जारी एक आधिकारिक दस्तावेज (कमांकः एसईसीएल/मप्र/गेवरा क्षेत्र/भू-राजस्व/2025/743) में 25 जुलाई को हुई बैठक का विस्तृत ब्यौरा सामने आया है। इस बैठक में कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल, एसडीएम कटघोरा, एसईसीएल महाप्रबंधक, तहसीलदार दीपका सहित अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और नरईबोध ग्राम के 100 से अधिक ग्रामीण उपस्थित थे।
बैठक में कई अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई, जिनमें प्रमुख मुद्दे थे—
- नया बसाहट स्थल : खम्हरिया ग्राम के पास जरहाजेल की अधिग्रहित भूमि पर बसाहट तय हुई है, जहां लगभग 333 प्लॉट उपलब्ध होंगे। लेकिन भूमिहीनों और अन्य हितग्राहियों को अब तक स्पष्ट मुआवजा व पुनर्वास की स्थिति नहीं मिली।
- मुआवजा विवाद : ग्रामवासियों ने कहा कि किसी और की जमीन पर बने मकानों के लिए मालिक की सहमति की शर्त गलत है।
- कटौती का विरोध : संपत्तियों में 40 और 60 प्रतिशत कटौती को लेकर ग्रामीणों ने आपत्ति जताई।
- रोजगार की पात्रता : 0.51 एकड़ भूमि वाले खातेदारों को रोजगार दिए जाने पर असमंजस बना हुआ है। एसईसीएल ने सिर्फ 5 खातेदारों को पात्र मानने की संभावना जताई, जबकि अन्य बाहर हो सकते हैं।
- ठेका कंपनियों में वैकल्पिक रोजगार : ग्रामीणों ने मांग की कि गेवरा खदान में चल रही ठेका कंपनियों में प्रभावित ग्रामवासियों को रोजगार दिया जाए। प्रशासन ने 70:30 के अनुपात में स्थानीय ग्रामवासियों को रोजगार देने का आश्वासन तो दिया, लेकिन अब तक ठोस नियमावली लागू नहीं की गई।
ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से बैठकों में केवल आश्वासन मिलते रहे हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर बसाहट और रोजगार की वास्तविक समस्या जस की तस है। उनका आरोप है कि एसईसीएल और प्रशासन सिर्फ बैठक कर खानापूर्ति कर रहा है, जिससे लोगों में गहरी नाराज़गी है।
ग्रामवासियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो वे बड़े आंदोलन की राह पकड़ेंगे।