हरदीबाजार मुड़ापार कोरबा(CG ई खबर| प्रमुख संपादक : ओम प्रकाश पटेल): ग्राम पंचायत मुड़ापार, विकासखंड पाली, जिला कोरबा में कार्यरत बी.एफ़.टी. प्रमोद जाटवर पर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में भारी गड़बड़ी के आरोप सामने आए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, जाटवर द्वारा कई हितग्राहियों के नाम पर आवास निर्माण नहीं कराए जाने के बावजूद फर्जी तरीके से अन्य मकानों की तस्वीरें अपलोड कर आवास स्वीकृत कराया गया और उसके एवज में भारी-भरकम राशि वसूली गई। प्रभावित हितग्राहियों में संतोष निर्मलकर, दिनेश साहू, संत राठौर, लखेश्वर पांडे, श्याम प्रसाद, जवाहर और गजेन्द्र यादव का नाम सामने आया है।
2 सितम्बर 2025 को जिला स्तर से जांच अधिकारियों की टीम—शांति लाल देवांगन, अनुराग चौरसिया, सुरेश कुमार और अभिषेक चौरसिया—ने मौके पर जांच की। जांच में यह तथ्य सामने आया कि कई आवास बने ही नहीं हैं, फिर भी राशि जारी कर दी गई। किसी का आवास 8-10 फीट का अधूरा ढांचा है, तो कहीं आवास का निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हुआ।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि इस फर्जीवाड़े में 25 से 30 हजार रुपए तक की अवैध वसूली की गई, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है। आरोप यह भी है कि बी.एफ़.टी. प्रमोद जाटवर पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों से अभद्र भाषा का प्रयोग करता है और किसी की बात सुनने को तैयार नहीं होता।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने पहले ही साफ निर्देश दिए थे कि प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी पाए जाने पर सीधे कलेक्टर तक जिम्मेदारी तय होगी। इस पूरे मामले में ग्राम पंचायत मुड़ापार के पूर्व सरपंच विजय मरावी की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि भ्रष्टाचार और लापरवाही में लिप्त बी.एफ़.टी. प्रमोद जाटवर की सेवा तत्काल समाप्त की जाए, ताकि योजनाओं में पारदर्शिता और जनता का विश्वास कायम रह सके।