जालसाजों से लेकर लोन प्रदाता बैंक भी जांच के दायरे में
कोरबा/पोड़ी-उपरोड़ा (CG ई खबर) : जिले में सरकारी जमीनों की बंदरबांट का बड़ा मामला सामने आया है। आरोप है कि राजस्वकर्मियों की मिलीभगत से सरकारी जमीनों को निजी जमीन दिखाकर न सिर्फ पट्टे जारी किए गए बल्कि इन जमीनों को बैंकों में बंधक रखकर लोन भी निकाल लिया गया।
जानकारी के मुताबिक, पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के पटवारी हल्का लाद में पदस्थ रहे पटवारी जितेंद्र कुमार भावे ने अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी जमीनों का नामांतरण कर निजी पट्टे जारी कर दिए। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इन जमीनों को दुर्ग और बेमेतरा जिले के बैंकों में बंधक रखकर केसीसी लोन लिया गया।
मामले के उजागर होने पर नायब तहसीलदार की जांच रिपोर्ट को आधार बनाते हुए एसडीएम तुलाराम भारद्वाज ने प्रतिवेदन तैयार कर कलेक्टर अजीत वसंत के समक्ष प्रस्तुत किया। कलेक्टर ने जमीन घोटाले के इस गंभीर मामले में तत्काल प्रभाव से पटवारी जितेंद्र कुमार भावे को निलंबित कर दिया।
कलेक्टर का आदेश
- पटवारी जितेंद्र कुमार भावे (प.ह.नं.-20 लाद, तहसील पोड़ी उपरोड़ा, वर्तमान पदस्थापना अजगरबहार) पर शासकीय कार्यों में उदासीनता और घोर लापरवाही का आरोप।
- छ.ग. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 (1), 3 (क), (ख), (ग) का उल्लंघन पाया गया।
- छ.ग. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत तत्काल निलंबन।
- निलंबन अवधि में मुख्यालय तहसील कार्यालय बरपाली निर्धारित।
- नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त करने के पात्र होंगे।
फिलहाल, मामला जांचाधीन है और जालसाजों के साथ-साथ लोन प्रदान करने वाले संबंधित बैंकों की भूमिका भी जांच के दायरे में है।