कोरबा (CG ई खबर): जिले के जटगा बस स्टैंड स्थित परवीन मेडिकल स्टोर में मेडिकल व्यवसाय के नाम पर खुलेआम अवैध इलाज चल रहा है। स्टोर संचालक परवीन खुद को डॉक्टर बताकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं और गंभीर नियमों की अनदेखी कर आम जनता की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
मीडिया टीम की पड़ताल में परवीन ने खुद स्वीकार किया कि उनके पास न तो एमबीबीएस/बीएएमएस जैसी कोई डिग्री है और न ही नर्सिंग एक्ट के तहत पंजीयन। इसके बावजूद वे केवल अनुभव के आधार पर दवा लिखते हैं, मरीजों को इंजेक्शन लगाते हैं और कैनोला ड्रिप लगाकर एडमिट तक कर लेते हैं। यह सीधा-सीधा कानून का उल्लंघन है।
कानूनी पहलू और धाराएं
1. भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023
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धारा 318 (धोखाधड़ी और छल)
– बिना डिग्री खुद को डॉक्टर बताना धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।
– सजा: 3 साल तक कारावास और जुर्माना। -
धारा 264 (लापरवाही से जीवन को संकट में डालना)
– बिना योग्यता इलाज कर मरीज की जान जोखिम में डालना।
– सजा: 2 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों। -
धारा 106 (गैर-इरादतन हत्या से संबंधित लापरवाही)
– यदि इलाज के दौरान किसी मरीज की मौत हो जाए तो यह धारा लागू होगी।
– सजा: 5 साल तक कारावास और जुर्माना। -
धारा 111 (गंभीर चोट पहुँचाने वाली लापरवाही)
– गलत दवा/इंजेक्शन देकर मरीज की हालत बिगाड़ना।
– सजा: 3 साल तक की कैद और जुर्माना।
2. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940
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धारा 18 – बिना लाइसेंस दवा बेचना और गलत प्रिस्क्रिप्शन देना अपराध।
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धारा 27 – उल्लंघन की स्थिति में 1 से 3 साल कैद और ₹20,000 तक जुर्माना (या दोनों)।
3. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम (NMC Act), 2019
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धारा 34 – बिना पंजीकरण चिकित्सकीय कार्य करना अपराध।
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दंड: 1 साल तक कैद और जुर्माना।
4. राज्य स्तरीय नर्सिंग होम एवं क्लीनिक एक्ट
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बिना अनुमति मरीज को एडमिट कर इलाज करना पूर्णतः अवैध।
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लाइसेंस रद्द करने से लेकर आपराधिक मुकदमा तक का प्रावधान।
गंभीर सवाल
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आखिरकार बिना योग्यता और अनुमति के यह क्लिनिक कैसे चल रहा है?
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स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन अब तक इस पर चुप क्यों है?
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क्या जनता की जिंदगी इतनी सस्ती है कि कोई भी व्यक्ति डॉक्टर बनकर इलाज कर सके?
स्थानीय नागरिकों का आरोप
नागरिकों का कहना है कि ऐसे झोला छाप डॉक्टर कई बार गलत दवाइयाँ और इंजेक्शन देकर मरीजों की हालत बिगाड़ देते हैं। कभी-कभी स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि मरीज को रेफर करना पड़ता है, लेकिन तब तक देर हो चुकी होती है।
जनता की मांग
स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। परवीन मेडिकल स्टोर को तुरंत सील कर संचालक पर BNS की धाराओं और ड्रग्स एक्ट के तहत आपराधिक केस दर्ज किया जाए। साथ ही लापरवाह अधिकारियों से भी जवाब तलब हो।