कोविड-19 का खतरा कायम? महाराष्ट्र और केरल में बढ़े मामले, ओमिक्रॉन के नए वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता


नई दिल्ली।
कोरोना वायरस का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है। महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में फिर से कोविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। महाराष्ट्र में इस साल जनवरी से अब तक कोरोना से दो मौतें हुई हैं, दोनों मरीज पहले से गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि दोनों मौतें मुंबई में हुई हैं। एक मरीज को नेफ्रोटिक सिंड्रोम और हाइपोकैल्सीमिया था, जबकि दूसरा मरीज कैंसर से पीड़ित था। विभाग ने बताया कि जनवरी से अब तक 6,066 लोगों के सैंपल की जांच की गई, जिनमें 106 लोग संक्रमित पाए गए। इनमें से 101 मामले अकेले मुंबई से हैं। फिलहाल 52 मरीजों का इलाज हल्के लक्षणों के साथ चल रहा है, जबकि 16 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने यह भी कहा कि देश के अन्य हिस्सों और कई देशों में भी कोरोना मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे सतर्कता की आवश्यकता है।

केरल में 182 नए केस, मंत्री ने दी चेतावनी

केरल में मई महीने में अब तक कोरोना के 182 मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि सबसे ज्यादा मामले कोट्टायम (57), एर्नाकुलम (34) और तिरुवनंतपुरम (30) जिलों से मिले हैं। उन्होंने बताया कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में ओमिक्रॉन के JN.1, LF.7 और NB 1.8 वैरिएंट तेजी से फैल रहे हैं, हालांकि ये गंभीर रूप से बीमार नहीं करते।

मंत्री ने कहा कि जिन लोगों को सर्दी, खांसी, गले में खराश या सांस लेने में परेशानी है, वे मास्क पहनें। खासकर बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग सार्वजनिक जगहों पर सावधानी बरतें। अस्पतालों और यात्राओं के दौरान मास्क पहनना जरूरी बताया गया है।

इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को कोरोना जांच के लिए तैयार रहने और आरटीपीसीआर किट व सुरक्षा उपकरण स्टॉक में रखने के निर्देश दिए हैं।

बरसात में अन्य बीमारियों का भी खतरा

मंत्री वीणा जॉर्ज ने आगाह किया कि आने वाले बरसात के मौसम में डेंगू, लेप्टोस्पायरोसिस और पानी से फैलने वाली बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है, इसलिए लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी।

निष्कर्ष: कोरोना अभी गया नहीं है। मामलों की संख्या भले कम हो, लेकिन सावधानी जरूरी है। मास्क पहनना, भीड़ से बचना और लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराना ही बचाव का सबसे बेहतर उपाय है।

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