लातेहार: छत्तीसगढ़ में डीआरजी की बड़ी कार्रवाई के बाद अब झारखंड में भी सुरक्षाबलों का नक्सलियों पर शिकंजा कसता जा रहा है। हालिया मुठभेड़ों में नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है। लातेहार जिले के महुआडांड थाना क्षेत्र में सोमवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच जबरदस्त मुठभेड़ हुई, जिसमें 5 लाख रुपये का इनामी नक्सली कमांडर मनीष यादव मारा गया।
मनीष यादव पर थे गंभीर आरोप
मनीष यादव लंबे समय से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। वह आम नागरिकों की हत्या, पुलिस बलों पर हमले, और लूट जैसी संगीन वारदातों में शामिल था। उस पर राज्य सरकार ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
10 लाख का इनामी कुंदन खेरवार भी पकड़ा गया
इस मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने 10 लाख रुपये के इनामी नक्सली कुंदन खेरवार को भी गिरफ्तार किया है। मौके से दो एक्स.95 ऑटोमेटिक राइफलें बरामद की गई हैं। मुठभेड़ महुआडांड थाना क्षेत्र के करमखाड़ और दौना के बीच जंगलों में हुई।
पलामू डीआईजी वाईएस रमेश ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए कहा,
“महुआडांड़ के दौना इलाके में पुलिस एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई है, जिसमें मनीष यादव मारा गया है। मौके से एक नक्सली को गिरफ्तार किया गया है। इलाके में सर्च अभियान अब भी जारी है।”
पप्पू लोहरा और प्रभात गांघू भी ढेर
इससे पहले शनिवार को सुरक्षाबलों ने झारखंड जन मुक्ति परिषद (JJMP) के सरगना पप्पू लोहरा को इचाबर के जंगलों में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। इस कार्रवाई में संगठन के दूसरे नंबर के कमांडर प्रभात गांघू को भी ढेर किया गया। प्रभात पर भी 5 लाख रुपये का इनाम था।
JJMP, माओवादी संगठन CPI (माओवादी) से अलग होकर 2010 में बना था। पप्पू लोहरा इस गुट का मुखिया था और उस पर हत्या, फिरौती व पुलिस पर हमलों समेत 60 से अधिक मामले दर्ज थे।
छत्तीसगढ़ में भी नक्सलियों पर कहर
इन कार्रवाइयों से पहले छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में हुए एक बड़े ऑपरेशन में 26 नक्सली मारे गए थे, जिनमें माओवादियों का शीर्ष नेता नामबाला केशव राव उर्फ बसवराज भी शामिल था।
इन ऑपरेशनों का असर
लगातार हो रही इन बड़ी कार्रवाइयों से सुरक्षाबलों का मनोबल तो बढ़ा ही है, साथ ही नक्सली संगठनों को भारी नुकसान पहुंचा है। मनीष यादव, पप्पू लोहरा, प्रभात गांघू और बसवराज जैसे बड़े नामों का खात्मा इस बात का संकेत है कि सुरक्षा एजेंसियां नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।