सारंगढ़-बिलाईगढ़ (CG ई-खबर | दिनांक: 26 मई 2025 | छत्तीसगढ़ ओम प्रकाश पटेल, ब्यूरो चीफ़) भटगांव नगर पंचायत में आयोजित सुशासन ग्राम सभा के दौरान एक मामले ने प्रशासन को कटघरे में ला खड़ा किया। ग्राम सभा में आए सैकड़ों आवेदनों में से अधिकतर मामलों का निराकरण किया गया, लेकिन एक प्रकरण ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।
दरअसल, एकीकृत बाल विकास परियोजना भटगांव द्वारा प्रगति नगर के लिए सहायिका पद हेतु चयन सूची जारी की गई थी। इस सूची में प्रथम स्थान पर श्रीमती पार्वती बंजारे (पत्नी स्व. राकेश बंजारे) का नाम था, लेकिन नियुक्ति तीसरे स्थान पर रही दीपिका बंजारे (पत्नी हंसराज बंजारे) को दे दी गई। इस कथित अनियमितता के खिलाफ पार्वती बंजारे ने कलेक्टर कार्यालय से लेकर अपर कलेक्टर तक शिकायत की, किन्तु छह सुनवाइयों के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उल्टा उन्हें यह कहकर लौटा दिया गया कि मामला एसडीएम न्यायालय के अधीन है।
श्रीमती पार्वती ने इसे न्याय प्रणाली की विफलता करार देते हुए आरोप लगाया कि पैसे और घुस के बल पर सरकारी नौकरी खरीदी जा सकती है। उन्होंने बाल विकास विभाग पर रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।
मामला और ज्यादा गरमाया जब ग्रामसभा के दौरान SDM मैडम को उक्त आवेदन सौंपा गया। इस पर विभाग के अधिकारियों को तलब किया गया, जिसमें विभागीय प्रतिनिधि ने यह कहकर विवाद को शांत करने का प्रयास किया कि 30 मई 2025 के बाद मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी और नियुक्ति पर पुनर्विचार होगा। साथ ही यह भी कहा गया कि अब पार्वती बंजारे को SDM न्यायालय में जाने की आवश्यकता नहीं है।
यह मामला अब जांच के घेरे में आ गया है और यह सवाल खड़े कर रहा है कि क्या सरकारी विभागों में पारदर्शिता अब भी मात्र दिखावा है? क्या एक गरीब और विधवा महिला को न्याय मिल पाएगा?
CG ई-खबर इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है।
आगे की कार्रवाई और प्रशासनिक जवाबदेही पर हमारी रिपोर्ट जारी रहेगी।