छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सराईपाली ओपन कास्ट परियोजना के तहत ज़मीन अधिग्रहण के बाद प्रभावितों को रोजगार नहीं देने के मामले में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) के अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने SECL के सीएमडी हरीश दुहान सहित अन्य अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
ग्राम बुड़बुड़ के ग्रामीणों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि वर्ष 2007 में सराईपाली परियोजना के लिए उनकी भूमि अधिग्रहित की गई थी। अधिग्रहण के समय रोजगार देने का वादा किया गया था, लेकिन बाद में SECL प्रबंधन ने इससे इंकार कर दिया। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 15 जनवरी 2025 को 45 दिनों के भीतर कार्यवाही करने का आदेश दिया था। बावजूद इसके SECL द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
इसके बाद ग्रामीणों ने कोर्ट की अवमानना याचिका दाखिल की। मामले की सुनवाई 29 मई 2025 को हुई, जिसमें हाईकोर्ट ने SECL के सीएमडी समेत अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता शिशिर दीक्षित ने पैरवी की। वहीं, भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के क्षेत्रीय अध्यक्ष चंदन सिंह बंजारा ने बताया कि ज़मीन अधिग्रहण के समय मध्यप्रदेश पुनर्वास एवं छत्तीसगढ़ आदर्श पुनर्वास नीति के तहत रोजगार देने का वादा किया गया था। लेकिन 2012 की कोल इंडिया नीति को जबरन लागू करते हुए 2 एकड़ भूमि की शर्त थोप दी गई, जिससे छोटे किसानों को रोजगार से वंचित कर दिया गया।
बंजारा ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय ने प्रभावित परिवारों के पक्ष में निर्णय सुनाया है, जिसे SECL प्रबंधन अब भी लागू नहीं कर रहा है। इसी लापरवाही के चलते यह अवमानना मामला कोर्ट में पहुंचा है।