रायपुर/दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी शराब कारोबारी विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के बाद उसे रायपुर लाकर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे एक दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
EOW ने भाटिया की 14 दिन की पुलिस रिमांड की मांग की थी, लेकिन रिमांड कोर्ट ने खुद को विशेष अधिकार विहीन बताते हुए सिर्फ एक दिन की रिमांड मंजूर की। अब कल विशेष कोर्ट में भाटिया को दोबारा पेश किया जाएगा।
भिलाई स्थित ठिकानों पर भी छापा
भाटिया की गिरफ्तारी से पहले ही आज सुबह EOW और ACB की संयुक्त टीम ने भिलाई स्थित उसके निवास और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की। दो गाड़ियों में सवार 7 अधिकारी छापे के दौरान पहुंचे और घर को चारों तरफ से घेरकर तलाशी ली।
घर में मौजूद परिजनों और नौकरों से पूछताछ की गई। नौकरों को काम करने की छूट दी गई है, लेकिन उनसे भी जानकारी ली जा रही है। कार्रवाई के दौरान महिला पुलिस कर्मी भी मौजूद थीं।
गौरतलब है कि दो साल पहले भाटिया के घर पर ED ने भी छापा मारा था, जिसके बाद से वह फरार चल रहा था।
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क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?
छत्तीसगढ़ के इस बहुचर्चित घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही है।
ED ने इस मामले में ACB में एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें 2000 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले का आरोप है।
जांच में सामने आया है कि यह घोटाला तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल (2019-2022) में IAS अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी, और व्यापारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट द्वारा किया गया।
ED के अनुसार, इस दौरान सरकारी शराब दुकानों से नकली होलोग्राम लगाकर अवैध शराब की बिक्री की गई, जिससे शासन को करोड़ों का राजस्व नुकसान हुआ।
अब जबकि विजय भाटिया की गिरफ्तारी हो चुकी है, इस मामले में जांच की रफ्तार और तेज होने की संभावना है।