कोरबा (CG ई-खबर | प्रमुख संपादक: ओम प्रकाश पटेल), 13 जून 2025
हरदीबाजार थाना क्षेत्र के ग्राम बछौद में एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। बीते शाम करीब 5 से 6 बजे के बीच एक तेज रफ्तार कार (CG-12-BN-5113) ने खेल रही दो बच्चियों में से एक 7 वर्षीय मासूम पलक पटेल को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे के बाद घायल बच्ची को अस्पताल ले जाने के बजाय आरोपी कार चालक देवेंद्र प्रसाद उसे अपनी कार में डालकर घटनास्थल से फरार हो गया।
पूरी रात आरोपी घूमता रहा, बच्ची की लाश सीट के नीचे मिली
चौंकाने वाली बात यह रही कि आरोपी ने घायल बच्ची को अस्पताल नहीं पहुंचाया, बल्कि उसे अपने कार में लपेट कर पूरी रात अलग-अलग जगहों पर घूमता रहा। आरोपी के बयान के अनुसार, उसने बच्ची के फटे कपड़े फेंक दिए और अपने कपड़े से शव को लपेटकर कार की सीट के नीचे छिपा दिया।
तकनीकी जांच से कार का सुराग, हरदीबाजार में मिली बच्ची की लाश
पुलिस ने जब इस मामले को गंभीरता से लिया तो तकनीकी जांच के आधार पर आरोपी की कार की लोकेशन ट्रेस की गई। हरदीबाजार थाना क्षेत्र में घेराबंदी कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। जब कार की तलाशी ली गई, तो उसमें से 7 वर्षीय बच्ची का शव बरामद हुआ। यह दृश्य देखकर पुलिस और मौके पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं।
साक्ष्य मिटाने की भी कोशिश!
फोरेंसिक जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बच्ची की लाश को लपेटे हुए कपड़े में जब गांठ खोली गई तो बच्ची के कपड़े गायब थे, और उसमें पेड़-पौधों के पत्ते भी मिले। इससे आशंका जताई जा रही है कि बच्ची को रास्ते में दफनाने की कोशिश भी की गई थी। कार से एक धारदार चाकू भी बरामद हुआ है, जिससे सीट कवर को फाड़ा गया था। यह साफ संकेत हैं कि सबूत मिटाने की कोशिश की गई।
दुर्घटना से अधिक बनता जा रहा है आपराधिक मामला
यह मामला अब एक सामान्य दुर्घटना नहीं रह गया है, बल्कि इसमें लापरवाही, मानवीय संवेदनहीनता और साक्ष्य छिपाने का गंभीर पहलू जुड़ गया है। ग्रामीणों और परिजनों में भारी आक्रोश का माहौल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय पर बच्ची को अस्पताल पहुंचाया गया होता, तो उसकी जान बच सकती थी।
ग्रामीणों और परिजनों में भारी आक्रोश, बालिका के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
घटना की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। पूरे गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर चालक ने समय रहते बच्ची को अस्पताल पहुंचाया होता, तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।
पुलिस की तत्परता से आरोपी पकड़ा गया
बलौदा पुलिस, एसडीओपी यदुमणि सिदार, और थाना प्रभारी राजीव श्रीवास्तव के नेतृत्व में की गई संयुक्त कार्रवाई में आरोपी देवेंद्र प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया गया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और फोरेंसिक टीम भी जांच में जुटी हुई है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि बच्ची की मौत कब और कैसे हुई।
मानवीय संवेदनहीनता की पराकाष्ठा, पुलिस कर रही गहराई से जांच
यह मामला अब केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं रह गया है, बल्कि इसमें मानवीय संवेदनहीनता और आपराधिक लापरवाही का पहलू भी जुड़ गया है। हरदीबाजार थाना पुलिस की तत्परता से आरोपी की गिरफ्तारी संभव हो सकी।
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