भोपाल, 29 जून: भोपाल के ऐशबाग इलाके में 90 डिग्री मोड़ वाले आरओबी (रेल ओवर ब्रिज) के निर्माण में भारी लापरवाही सामने आने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई करते हुए लोक निर्माण विभाग के 8 अधिकारियों के खिलाफ निर्देश जारी किए हैं। इनमें दो मुख्य अभियंता (सीई) सहित सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है, जबकि एक सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री (एसई) के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर कहा,
"ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही में मैंने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।"
निलंबित अधिकारियों के नाम:
- जी.पी. वर्मा – मुख्य अभियंता
- संजय खांडे – मुख्य अभियंता
- जावेद शकील – कार्यपालन यंत्री
- शबाना रज्जाक – कार्यपालन यंत्री (डिज़ाइन)
- शानुल सक्सेना – सहायक यंत्री (डिज़ाइन)
- उमाशंकर मिश्रा – उपयंत्री
- रवि शुक्ला – उपयंत्री
- एम.पी. सिंह – सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री (विभागीय जांच के लिए चिन्हित)
डिज़ाइन में गंभीर खामी:
एनएचएआई द्वारा कराई गई जांच में यह सामने आया कि ब्रिज में 90 डिग्री का खतरनाक मोड़ है, जिससे वाहन चालकों को 35–40 किमी/घंटा से अधिक की गति पर चलने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अधिक गति में वाहन चलाने पर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। यह त्रुटिपूर्ण डिज़ाइन सुरक्षा के लिहाज से घातक माना गया।
निर्माण एजेंसी और डिज़ाइन कंसल्टेंट पर भी गिरी गाज:
मुख्यमंत्री के निर्देश पर न केवल सरकारी अधिकारियों पर कार्रवाई की गई, बल्कि निर्माण एजेंसी और डिज़ाइन कंसल्टेंट को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। इन पर खराब डिज़ाइन प्रस्तुत करने और निर्माण में लापरवाही के आरोप सिद्ध हुए हैं।
लोकार्पण रोका गया, होगी सुधारात्मक कार्रवाई:
सरकार ने ऐलान किया है कि जब तक आरओबी में जरूरी सुधार नहीं किए जाते, उसका लोकार्पण नहीं किया जाएगा। इसके लिए एक विशेष तकनीकी कमेटी गठित की गई है, जो पूरे डिज़ाइन की समीक्षा कर आवश्यक बदलाव सुनिश्चित करेगी।
यह मामला प्रशासनिक लापरवाही और तकनीकी चूक का गंभीर उदाहरण बनकर सामने आया है, जहां समय रहते की गई जांच ने संभावित हादसों से बचने का रास्ता खोला है।