पत्रकारों से पुलिस की धक्का-मुक्की के बाद थाने में बवाल, थाने में धरने पर बैठे मीडियाकर्मी


कटनी, मध्य प्रदेश —
जिले का महिला थाना शनिवार को उस वक्त सुर्खियों में आ गया जब एक पारिवारिक विवाद ने पुलिस महकमे में भूचाल ला दिया। मामला उस समय तूल पकड़ गया जब कटनी की सीएसपी ख्याति मिश्रा का तबादला मैहर जिले के अमरपाटन एसडीओपी के पद पर हुआ और उनके पति, तहसीलदार शैलेन्द्र शर्मा (तैनात दमोह के घटेरा में), अपने परिजनों और बच्चों के साथ ख्याति के सरकारी बंगले से सामान लेने पहुंचे।

थाने में हंगामा, मारपीट और आरोपों की बौछार

बताया जा रहा है कि जैसे ही शैलेन्द्र के परिजन बंगले पर पहुंचे, पुलिस ने हस्तक्षेप करते हुए महिला थाना और कोतवाली थाने ले जाया। इसके बाद शैलेन्द्र शर्मा थाने पहुंचे और आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके परिवार के साथ बदसलूकी और मारपीट की। उन्होंने दावा किया कि उनके छोटे बेटे के साथ भी दुर्व्यवहार हुआ, जिसकी पुष्टि बच्चे ने कैमरे के सामने की।

कटनी एसपी पर हत्या की साजिश का आरोप

शैलेन्द्र शर्मा ने कटनी एसपी अभिजीत रंजन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एसपी उनके परिवार को तोड़ने की साजिश रच रहे हैं और उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा चुकी है। शर्मा ने दावा किया कि उनके चाचा की जबलपुर से कटनी आते समय तेवरी के पास जानबूझकर एक्सीडेंट करवाया गया, जो एक सुनियोजित हत्या की कोशिश थी।

पत्रकारों से धक्का-मुक्की, थाने में धरना

घटना की कवरेज करने पहुंचे पत्रकारों के साथ भी पुलिस की तीखी नोकझोंक हुई। महिला थाने में पुलिस अधिकारियों ने मीडिया को कवरेज से रोका और कथित रूप से धक्का-मुक्की की। इससे आक्रोशित पत्रकार थाने में ही धरने पर बैठ गए। घंटों चले हंगामे के बाद मौके पर पहुंचे एसडीओपी प्रभात शुक्ला ने माफी मांगकर मामला शांत कराया।

अस्पताल में भी नहीं थमा विवाद

घटना के बाद पुलिस सभी परिजनों को मेडिकल जांच के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंची, लेकिन वहां भी कहासुनी और हंगामे की स्थिति बनी रही। तहसीलदार शैलेन्द्र शर्मा ने इस पूरे घटनाक्रम की लिखित शिकायत कोतवाली थाने में दी है।

जांच के आदेश, मामला गरमाया

कोतवाली प्रभारी अजय सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई है और उनके निर्देशानुसार जांच की जाएगी। सोशल मीडिया पर इस घटनाक्रम के कई वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिससे मामला प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।

संभावित प्रभाव

यह मामला आने वाले दिनों में राजनीतिक रंग ले सकता है।

वरिष्ठ अधिकारियों पर लगे गंभीर आरोपों ने पूरे पुलिस महकमे की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

पत्रकारों और पुलिस के बीच हुई झड़प पर भी मीडिया संगठनों द्वारा तीखी प्रतिक्रिया आ सकती है।

नोट: इस घटना पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग की ओर से आधिकारिक बयान की प्रतीक्षा की जा रही है।

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