कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन के सानिध्य में आयोजित हुआ सामूहिक योग कार्यक्रम, स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने का दिया गया संदेश
कोरबा, 21 जून 2025: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कोरबा में आज एक भव्य जिला स्तरीय सामूहिक योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर कन्वेंशन हॉल में छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य, उद्योग एवं श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नगरवासियों ने भाग लेकर स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने का संकल्प लिया।
मंत्री श्री देवांगन ने स्वयं विभिन्न योग मुद्राओं का अभ्यास करते हुए उपस्थित लोगों को योग के लाभ बताए। उन्होंने कहा कि “योग शरीर और मन को स्वस्थ रखने का सर्वोत्तम उपाय है। इसे हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए।” उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं।
मंत्री श्री देवांगन ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि योग को वैश्विक पहचान दिलाने का श्रेय उन्हें जाता है। उन्होंने कहा कि “2047 तक विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रत्येक नागरिक का स्वस्थ रहना आवश्यक है।“
कार्यक्रम में कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने योग के सांस्कृतिक और स्वास्थ्य संबंधी महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि “योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि शरीर और मन के संतुलन का माध्यम है।“ उन्होंने सभी से प्रतिदिन योग करने और निरोग रहने की अपील की।
जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. पवन सिंह ने कहा कि योग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में योग दिवस उत्साहपूर्वक मनाया जा रहा है।
कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ तिवारी, वनमंडलाधिकारी श्री मयंक अग्रवाल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री दिनेश नाग, अपर कलेक्टर श्री मनोज बंजारे सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, स्कूली छात्र-छात्राएं, स्वास्थ्य कर्मी, स्वच्छता दीदी एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति रही।
योग शिक्षक श्री रामेश्वर प्रसाद पांडे ने उपस्थितजनों को ताड़ासन, पवन मुक्तासन, हलासन, शवासन, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायाम जैसे योग अभ्यास कराए तथा इनसे होने वाले स्वास्थ्य लाभों की जानकारी दी।
कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि योग न केवल स्वास्थ्य सुधार का माध्यम है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर भी है, जिसे अपनाकर हम सब एक स्वस्थ और संतुलित जीवन की ओर अग्रसर हो सकते हैं।