सिंगरौली में युवती से दुष्कर्म के बाद हत्या का सनसनीखेज मामला, पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप


सिंगरौली (मध्यप्रदेश): (CG ई खबर)
जिले के मोरवा थाना क्षेत्र में मानवता को शर्मसार करने वाली एक भयावह घटना सामने आई है। कोरबा जिले के रलिया गांव निवासी युवती पुष्पांजलि महंत के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म के बाद उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। इस पूरे मामले में स्थानीय पुलिस की लापरवाही और संवेदनहीनता पर परिजनों और आम नागरिकों का आक्रोश फूट पड़ा है।

घटना तीन दिन पहले की बताई जा रही है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुष्पांजलि का शव मोरवा के एक अस्पताल के बाहर तीन दिनों तक यूं ही पड़ा रहा। डॉक्टरों ने शव का पोस्टमॉर्टम करने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि शव खराब हो चुका है। इसके बाद शव को रीवा मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां सोमवार देर रात पोस्टमॉर्टम किया गया।

पुष्पांजलि के पिता उमेद दास सिंगरौली में कार्यरत थे, जिनका कुछ समय पूर्व निधन हो गया था। मां अनुकंपा नियुक्ति पर कार्यरत हैं। परिवार ने मोरवा थाना में हत्या की शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने दुष्कर्म का मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। यही नहीं, परिजनों का आरोप है कि पुलिस उन्हें थाने से भगा रही है और जांच में कोई रुचि नहीं दिखा रही।

तीन दिन तक अस्पताल के बाहर पड़ा रहा शव, न्याय की आस में बैठा परिवार

इस पूरे घटनाक्रम ने स्थानीय लोगों और परिजनों को झकझोर कर रख दिया है। परिजनों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही के चलते पुष्पांजलि का शव तीन दिनों तक अस्पताल के बाहर पड़ा रहा, लेकिन न तो उसका समय पर पोस्टमॉर्टम हुआ और न ही किसी अधिकारी ने मामले की गंभीरता को समझा।

पुलिस पर गंभीर सवाल, कार्रवाई का इंतजार

पुष्पांजलि हत्याकांड ने मोरवा थाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चार दिन बीत जाने के बावजूद न तो प्राथमिकी में दुष्कर्म की धारा जोड़ी गई और न ही किसी आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। परिजनों का गुस्सा पुलिस पर साफ देखा जा सकता है, जो न केवल न्याय की मांग कर रहे हैं, बल्कि पूरे घटनाक्रम की उच्च स्तरीय जांच की भी मांग कर रहे हैं।

रीवा में हुआ पोस्टमॉर्टम, सच्चाई का इंतजार

अब जबकि शव का पोस्टमॉर्टम रीवा मेडिकल कॉलेज में हो चुका है, सभी की निगाहें उसकी रिपोर्ट पर टिकी हैं। रिपोर्ट से ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि पुष्पांजलि के साथ वास्तव में क्या हुआ। वहीं, मोरवा थाना पुलिस ने अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।


निष्कर्ष:
इस हृदयविदारक घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और पुलिस की संवेदनशीलता पर भी गंभीर प्रश्न चिह्न खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि न्याय की मांग कर रहा यह परिवार कब और कैसे न्याय पा सकेगा।

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