सौर ऊर्जा से मिली राहत, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा मित्तल परिवार
कोरबा, 27 जून 2025 (CG ई खबर) – केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज देशभर में ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो रही है। यह योजना न केवल महानगरों तक सीमित रही, बल्कि दूरस्थ ग्रामीण अंचलों, छोटे शहरों और कस्बों में भी व्यापक रूप से सफल रही है। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में इस योजना ने ऊर्जा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है।
कोरबा, जिसे ‘ऊर्जाधानी’ के रूप में जाना जाता है, अब सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रहा है। पहले जहां गर्मी के दिनों में भारी बिजली बिल आमजन की चिंता का कारण बनते थे, वहीं अब सोलर पैनलों के माध्यम से लोग मुफ्त बिजली का लाभ उठा रहे हैं और पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं।
कटघोरा निवासी श्री विशेष मित्तल, जो कि एक व्यापारी और बाइक शोरूम के संचालक हैं, इस योजना से लाभान्वित होने वालों में शामिल हैं। उन्होंने बताया कि योजना की जानकारी उन्हें अपने पिता श्री गोपाल कृष्ण मित्तल के साथ दुकान पर बैठते समय समाचार चैनल से मिली। तत्पश्चात, उन्होंने योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण कर अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाए। महज 3 से 4 दिनों में पैनल स्थापित हो गया और शासन की ओर से ₹78,000 की सब्सिडी भी प्राप्त हो गई।
श्री मित्तल ने यह पैनल अपनी माताजी श्रीमती अंजनी मित्तल के नाम पर लगवाया। वे बताती हैं कि पहले उन्हें इस योजना की सफलता पर विश्वास नहीं हुआ था, लेकिन जब बिजली बिल शून्य आया तो उन्हें इस योजना की उपयोगिता का वास्तविक अनुभव हुआ। उन्होंने न केवल स्वयं योजना की सराहना की, बल्कि अपने मायके और परिचितों को भी इसके बारे में बताया, जिससे कई और परिवारों ने भी योजना का लाभ उठाया।
मित्तल परिवार इस योजना को “आर्थिक सशक्तिकरण और स्वच्छ ऊर्जा के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण” बताते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार व्यक्त करता है।
परिवार का मानना है कि –
“प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना जैसी पहलें न केवल मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत देती हैं, बल्कि उन्हें पर्यावरण संरक्षण में भागीदार बनाकर एक आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रेरित भी करती हैं।”
यह योजना आने वाले समय में देश के लाखों परिवारों को आर्थिक संबल देने के साथ-साथ नवीनीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में निर्णायक भूमिका निभा रही है।