न्याय के लिए सुलगी चिंगारी: पुष्पांजलि हत्याकांड में पुलिस पर गंभीर आरोप


🔴 न्यूज़ रिपोर्ट | पुष्पांजलि हत्याकांड : गुस्साए लोगों ने किया मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री का पुतला दहन, फांसी की उठी मांग 🔴

कोरबा |(CG ई खबर ) मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले के मोरवा थाना क्षेत्र में एक इंजीनियरिंग छात्रा कुमारी पुष्पांजलि महंत के साथ बेरहमी से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। मृतका मूलतः छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के ग्राम रलिया की निवासी थी और गर्मी की छुट्टियों में अपनी मां से मिलने आई थी, जो कि शासकीय सेवा में कार्यरत हैं।

परिवारवालों का आरोप है कि पुष्पांजलि को लाठी-डंडों से पीटने, जमीन पर घसीटने और बलात्कार करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई। उसका शव नग्न अवस्था में रस्सी से बांधकर खिड़की से लटकाया गया मिला। शरीर पर चोट और प्रताड़ना के गंभीर निशान मिले हैं।

❗ पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप

परिजनों और स्थानीय लोगों ने मोरवा थाना पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं —

  • सबूतों से छेड़छाड़,
  • फोरेंसिक टीम न बुलाना,
  • लाश को तीन दिन तक放 लावारिस छोड़ना,
  • और पीड़ित परिवार को धमकी देना।

इतना ही नहीं, कोरबा जिला के हरदीबाजार थाना की भूमिका को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। परिजनों का कहना है कि दोनों राज्यों की पुलिस इस जघन्य अपराध को दबाने में लगी हुई है।


💥 लोगों का फूटा गुस्सा, सीएम का पुतला दहन

आज कोरबा के सुभाष चौक, निहारिका में भारी संख्या में जुटे लोगों ने मध्यप्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री का पुतला दहन करते हुए लोगों ने उसे लातों, घूंसों और चप्पलों से पीटा, और जमकर "मुख्यमंत्री मुर्दाबाद", "पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद" के नारे लगाए।

छत्तीसगढ़ कामगार भू-स्थापित संगठन, छत्तीसगढ़िया सेना और अन्य सामाजिक संगठनों ने भी इस आंदोलन में भाग लिया। मृतका की आत्मा की शांति के लिए कैंडल मार्च भी निकाला गया।


❓ सवाल जो उठे, पर जवाब नहीं मिले...

  • एक सप्ताह बाद भी हत्यारे क्यों नहीं पकड़े गए?
  • मध्यप्रदेश पुलिस ने फॉरेंसिक जांच क्यों नहीं करवाई?
  • पुलिस परिवार को धमकाने की जगह अपराधियों को क्यों नहीं पकड़ रही?
  • क्या 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' सिर्फ एक नारा है?

स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा नहीं दी गई, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री के इस्तीफे और जिम्मेदार अधिकारियों के निलंबन की मांग की है।


📌 निष्कर्ष:

पुष्पांजलि हत्याकांड सिर्फ एक लड़की की हत्या नहीं, बल्कि प्रशासन और व्यवस्था के खोखलेपन की क्रूर तस्वीर है। अब देखना यह है कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है – न्याय दिलाएगी या अपराधियों को संरक्षण देगी।

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