कोरबा : चूनचूनी (CG ई खबर | प्रमुख संपादक : ओम प्रकाश पटेल) 30 जुलाई 2025 जिला कोरबा के आदर्श नगर स्थित शासकीय प्राथमिक शाला चूनचूनी में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र अवल बंजारे की आंख की रोशनी जाने का मामला अब गहराता जा रहा है। CG ई खबर द्वारा चलाए जा रहे "ऑपरेशन अवल की चीख" के तहत इस मामले की गहराई से जांच की गई, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
अब तक की सबसे बड़ी बात यह सामने आई है कि स्कूल में घटना वाले दिन कोई भी जिम्मेदार शिक्षक मौजूद नहीं था, और जो मौजूद थीं, उन्होंने या तो चुप्पी साध ली या गोलमोल जवाब देकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।
🔍 क्या है मामला?
दिनांक 09 जुलाई 2025, जब कक्षा में पढ़ाई समाप्त होने के बाद लंच ब्रेक हुआ, तब सहपाठी रिहान खेलते-खेलते पेड़ की पत्तियों को डंडे से मार रहा था। इसी दौरान लापरवाही में डंडा अवल बंजारे की आंख पर जा लगा। ऐसा रेहान का कहना है।
लेकिन अवल बंजारे के परिजनों के अनुसार 09 जुलाई 2025, कक्षा में पढ़ाई के दौरान सहपाठी रिहान ने अवल बंजारे की आंख पर डंडे से वार कर दिया। जिससे उसकी बाईं आंख की रेटिना डैमेज हो गई।
शुरू में परिजनों ने घरेलू उपचार किया, फिर डॉक्टर दानी (कोरबा), जिला अस्पताल और अंत में एम्स रायपुर तक पहुंचे, लेकिन हर जगह से जवाब मिला – इलाज संभव नहीं, मरीज को दिल्ली ले जाएं।
🧾 स्कूल की चौंकाने वाली लापरवाही
CG ई खबर की टीम जब घटना की पड़ताल करने प्राथमिक शाला चूनचूची पहुंची तो वहां के प्रधान पाठक कृष्ण कुमार ने बताया कि वह उस दिन CL (कैजुअल लीव) पर थे और उन्हें इस घटना की जानकारी मीडिया से 24 जुलाई 2025 को मिली!
वहीं स्कूल की सहायक शिक्षिका प्रेमलता दिव्य, जिनकी उस दिन BLO ड्यूटी कटघोरा के शासकीय मुकुटधर पांडेय महाविद्यालय में लगी थी, ने यह स्वीकार किया कि अवल बंजारे के पिता का उन्हें रात 9 बजे फोन आया था। लेकिन उन्होंने इसकी सूचना ना प्रधान पाठक को दी, ना ही किसी उच्चाधिकारी को।
लेकिन जब CG ई खबर ने "ऑपरेशन अवल की चीख" के तहत जानकारी निकली तो यह सामने आया की इसकी जानकारी प्रधान पाठक कृष्ण कुमार को घटना के एक दो दिन बाद दे दी गई थी।
इससे भी बड़ा खुलासा तब हुआ जब हमारी टीम ने घटना के दिन ड्यूटी पर मौजूद रही शिक्षिका श्रीमती इंद्राणी पाण्डेय, जो कि गेवरा बस्ती मिडिल स्कूल में पदस्थ हैं, के बारे में जानकारी जुटाई। शासकीय प्राथमिक शाला चूनचूनी स्कूल के बच्चों से पता चला कि वह उस समय स्कूल में मौजूद नहीं थीं, जबकि उनका वहां होना दर्शाया गया था।
❗ प्रशासन की चुप्पी – अब तक न जांच टीम, न कार्रवाई
हैरानी की बात यह है कि CG ई खबर द्वारा जब इस मामले को कलेक्टर ऑफिस में दिये गए शिकायती पत्र के आधार पर प्रमुखता से प्रकाशित किया गया, तब प्रशासन में हड़कंप मचा। लेकिन अब तक न शिक्षा विभाग ने कोई जांच समिति बनाई है, और न ही दोषियों के खिलाफ कोई कदम उठाया गया है।
🔎 CG ई खबर सवाल जो प्रशासन से जवाब मांगते हैं
- अब तक चुप्पी क्यों? दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं?
- इंद्राणी पाण्डेय पर कार्रवाई कब होगी? ड्यूटी पर होते हुए भी कहां थीं?
- प्रिंसिपल की चुप्पी – क्या जिम्मेदारी से भाग रहे हैं?
- संकुल अधिकारी की भूमिका पर सवाल – क्यों नहीं ली खबर?
- स्कूल प्रबंधन ने क्यों नहीं दी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को?
- जब लापरवाही साबित है, तो कार्रवाई क्यों नहीं?
- शिक्षकों की गलती पर पर्दा डाल रहा है सिस्टम?
- एक मासूम की आंख गई – जवाबदेह कौन?
- क्या किसी को बचाया जा रहा है इस पूरे मामले में?
- प्रशासन मौन क्यों? शिक्षा विभाग की खामोशी पर सवाल
- CG ई खबर की रिपोर्ट के बाद भी प्रशासन ने आंखें क्यों मूंदी?
- क्या सरकारी स्कूलों में बच्चों की जान की कोई कीमत नहीं?
- पूरी व्यवस्था सवालों के घेरे में – न्याय कब मिलेगा?
- अवल बंजारे की आंख की रोशनी क्यों गई?
- क्या स्कूल की लापरवाही इसका मुख्य कारण नहीं है?
- जब शिक्षक स्कूल में नहीं थे तो बच्चों की निगरानी कौन कर रहा था?
- घायल छात्र की जानकारी स्कूल प्रशासन ने क्यों नहीं दी?
- जब BLO ड्यूटी में गए शिक्षक को खबर मिली तो उन्होंने संकुल अधिकारी को जानकारी क्यों नहीं दी?
- इंद्राणी पांडेय ड्यूटी में होने के बावजूद मौके पर क्यों नहीं थीं?
- अब तक चुप्पी क्यों? दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं?
- इंद्राणी पाण्डेय पर कार्रवाई कब होगी? ड्यूटी पर होते हुए भी कहां थीं?
- प्रिंसिपल की चुप्पी – क्या जिम्मेदारी से भाग रहे हैं?
- संकुल अधिकारी की भूमिका पर सवाल – क्यों नहीं ली खबर?
- स्कूल प्रबंधन ने क्यों नहीं दी रिपोर्ट शिक्षा विभाग को?
- जब लापरवाही साबित है, तो कार्रवाई क्यों नहीं?
- शिक्षकों की गलती पर पर्दा डाल रहा है सिस्टम?
- एक मासूम की आंख गई – जवाबदेह कौन?
- क्या किसी को बचाया जा रहा है इस पूरे मामले में?
- प्रशासन मौन क्यों? शिक्षा विभाग की खामोशी पर सवाल
- CG ई खबर की रिपोर्ट के बाद भी प्रशासन ने आंखें क्यों मूंदी?
- क्या सरकारी स्कूलों में बच्चों की जान की कोई कीमत नहीं?
- पूरी व्यवस्था सवालों के घेरे में – न्याय कब मिलेगा?
- अवल बंजारे की आंख की रोशनी क्यों गई?
- क्या स्कूल की लापरवाही इसका मुख्य कारण नहीं है?
- जब शिक्षक स्कूल में नहीं थे तो बच्चों की निगरानी कौन कर रहा था?
- घायल छात्र की जानकारी स्कूल प्रशासन ने क्यों नहीं दी?
- जब BLO ड्यूटी में गए शिक्षक को खबर मिली तो उन्होंने संकुल अधिकारी को जानकारी क्यों नहीं दी?
- इंद्राणी पांडेय ड्यूटी में होने के बावजूद मौके पर क्यों नहीं थीं?
🧑⚖️ पीड़ित परिवार की मांग
गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाला अवल का परिवार अब अपने बच्चे के इलाज के लिए सरकारी मदद की गुहार लगा रहा है। उनका कहना है कि घटना के लिए जिम्मेदार स्कूल प्रशासन, शिक्षकों और दोषी छात्र के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो तथा बच्चे के इलाज के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाए।
CG ई खबर की टीम "ऑपरेशन अवल की चीख" के तहत इस मुद्दे पर नजर बनाए हुए है। हम हर अपडेट आप तक पहुंचाएंगे।
👉 आपके पास भी इस घटना से जुड़ी कोई जानकारी है? आप हमारे साथ साझा कर सकते हैं।
✍️ CG ई खबर – आपकी आवाज, आपकी खबरें 24x7