मिली जानकारी के अनुसार, घटना 09 जुलाई 2025 की है जब छात्र अवल बंजारे रोज की तरह स्कूल गया था। उसकी मां ने उसे सुबह 9:30 बजे स्कूल में छोड़ा था, लेकिन उस दिन शिक्षक लगभग 11 बजे पहुंचे। जब तक शिक्षक नहीं आए, बच्चे बिना देखरेख के स्कूल में मौजूद थे। इसी दौरान कक्षा के ही छात्र रिहान ने कथित रूप से डंडे से अवल की बायीं आंख पर हमला कर दिया, जिससे उसे गंभीर चोट आई और खून बहने लगा।
परिजनों का आरोप है कि चोट लगने के बाद भी बच्चे को स्कूल में घंटों बैठाकर रखा गया और किसी तरह की प्राथमिक चिकित्सा या सूचना नहीं दी गई। जब अभिभावक दोपहर 3 बजे बच्चे को लेने स्कूल पहुंचे, तब उन्हें इस घटना की जानकारी मिली।
परिजनों ने बताया कि बच्चे की आंख की हालत बिगड़ती देख पहले घरेलू उपचार किया गया, लेकिन जब कोई सुधार नहीं हुआ, तो 23 जुलाई को उसे कोरबा के डॉ. दानी (नेत्र विशेषज्ञ) के पास ले जाया गया। डॉक्टर ने बताया कि आंख की रेटिना खराब हो गई है और इलाज के लिए रायपुर के किसी रेटिना केयर हॉस्पिटल में रेफर किया गया है।
पीड़ित पिता का कहना है कि वे गरीब, भूमिहीन मजदूर हैं और इतनी बड़ी चिकित्सा का खर्च वहन कर पाना संभव नहीं है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि लापरवाह शिक्षक, स्कूल प्रबंधन और आरोपी छात्र रिहान के खिलाफ तत्काल जांच कर उचित कार्रवाई की जाए और उनके बेटे को बेहतर इलाज व आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाए।
यह मामला शिक्षा विभाग और बाल सुरक्षा आयोग के लिए गंभीर चिंता का विषय है, जहां स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है।
CG ई खबर इस मामले पर आगे की कार्रवाई पर नजर बनाए हुए है।
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