नई दिल्ली (CG ई खबर): जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाते हुए 22 अप्रैल 2025 को उसके 9 आतंकी ठिकानों को ड्रोन से तबाह कर दिया था। इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया था। अब इस ऑपरेशन और अचानक हुए युद्धविराम को लेकर राज्यसभा में बड़ा खुलासा हुआ है।
राज्यसभा में उठा सवाल: क्या सीजफायर विदेशी दबाव में किया गया?
24 जून को सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने उच्च सदन में विदेश मंत्रालय से सवाल किया कि –
“क्या ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीजफायर की घोषणा अंतरराष्ट्रीय दबाव में की गई थी? इससे सेना के मनोबल पर क्या असर पड़ा?”
पहली बार सरकार का जवाब: पाकिस्तान ने खुद मांगा था सीजफायर
इस पर विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने कहा –
“ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार आतंकी हमले का जवाब था। इसका उद्देश्य आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद करना और भारत में घुसपैठ को रोकना था।”
“भारत की कार्रवाई संतुलित और गैर-उकसाने वाली थी, लेकिन पाकिस्तान ने भारत के नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।”
“इसके बाद 10 मई को पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशक ने भारतीय समकक्ष से गोलाबारी और सैन्य गतिविधियां रोकने का अनुरोध किया, जिसे भारत ने स्वीकार किया।”
डोनाल्ड ट्रंप का दावा भी आया सामने
वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि उन्होंने ही भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की थी।
ट्रंप ने कहा, “मैंने दोनों देशों को फोन किया और व्यापार बंद करने की धमकी दी, जिसके बाद युद्धविराम संभव हो सका। उस समय परमाणु युद्ध का खतरा था, पांच लड़ाकू विमान गिराए जा चुके थे।”
ऑपरेशन सिंदूर: एक नज़र
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22 अप्रैल 2025 को भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया
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100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने का दावा
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कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में हुई
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10 मई को पाकिस्तान के अनुरोध पर सीजफायर लागू
क्या सेना का मनोबल गिरा?
सांसद द्वारा उठाए गए सवाल पर सरकार ने सीधा जवाब देने से परहेज किया। हालांकि उन्होंने दोहराया कि ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और इसका उद्देश्य आतंकियों को खत्म करना था।