कोरबा – 25 जुलाई 2025 (CG ई खबर | प्रमुख संपादक : ओम प्रकाश पटेल) SECL गेवरा CGM कार्यालय में आज नराईबोध गांव के प्रभावित ग्रामीणों, SECL के अधिकारियों, अनुविभागीय अधिकारी (SDM) कटघोरा और दीपका तहसीलदार की उपस्थिति में त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता कटघोरा विधानसभा विधायक प्रेमचंद पटेल जी ने की।
वार्ता के दौरान सबसे पहले पार्षद पति राकेश पटेल ने बसाहट के विषय में सवाल किया। इस पर SDM ने जानकारी दी कि नराईबोध विस्थापितों के लिए नई बसाहट का स्थान वैशाली नगर के पास "खमरिया" फाइनल कर दिया गया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वहां दो दिनों के भीतर "नराईबोध" नाम का बोर्ड लगाया जाएगा।
इसके बाद पार्षद पति द्वारा मुआवजा में हुई 60% कटौती और कुछ मकानों के सरकारी भूमि पर बने होने को लेकर भी सवाल उठाए गए। इस पर SDM ने स्पष्ट किया कि यदि मकान का कुछ हिस्सा सरकारी जमीन में आता है, तो जांच कर प्रभावितों को 100% मुआवजा दिया जाएगा।
वार्ता के दौरान वैकल्पिक रोजगार के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। SDM ने बताया कि जो भी दस्तावेज़ जरूरी हैं, उन्हें SECL के GM से अनुमोदित कराया जाएगा। मूलनिवासी होने के प्रमाण हेतु आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, राशन कार्ड और बैंक खाता विवरण मांगा गया है।
इसके साथ ही SDM ने यह भी स्पष्ट किया कि वैकल्पिक रोजगार का अधिकार केवल उन्हीं गांवों के लोगों को होगा जो सीधे तौर पर संबंधित कोयला खदानों से प्रभावित हैं।
जैसे –
- गेवरा क्षेत्र: नराईबोध, भिलाई, भठोरा, रलिया आदि
- कुसमुंडा क्षेत्र: गेवरा बस्ती, खोड़री, पाली आदि
स्थानीय रोजगार के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें गांव के सरपंच, वार्ड पार्षद, विधायक व सांसद प्रतिनिधि शामिल होंगे। भविष्य में यदि कोई नई कंपनी आती है, तो उस समिति को जानकारी दी जाएगी और कंपनी में 70% स्थानीय लोगों तथा 30% बाहरी लोगों को रोजगार देने की नीति अपनाई जाएगी।
विवाद और असहमति भी उभरे:
बैठक के दौरान जब ग्रामवासी रमेश दास ने संविधान और भूराजस्व नीतियों के आधार पर सवाल उठाने की कोशिश की, तो उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया गया, जिससे असंतोष की स्थिति बनी।
बैठक में जहां कुछ लोग लिए गए निर्णयों से संतुष्ट नजर आए, वहीं कई ग्रामीणों में असंतोष भी देखा गया।
अब देखना होगा कि जिन लोगों को इस बैठक के निर्णयों से आपत्ति है, वे अपनी बात किस तरह से रखते हैं। CG ई खबर की कल होने वाली ग्राउंड रिपोर्टिंग में यह स्थिति और भी स्पष्ट हो सकेगी।