कोरबा (छत्तीसगढ़ | CG ई खबर) जनहित में पत्रकारिता करने वाले CG ई खबर के वरिष्ठ संपादक व सर्व पत्रकार एकता महासंघ छत्तीसगढ़ के जिला सचिव ओम प्रकाश पटेल को बिना वैधानिक प्रक्रिया के थाने बुलाकर किए गए अपमानजनक व्यवहार पर अब मामला तूल पकड़ता जा रहा है। 23 जुलाई 2025 को महासंघ के पदाधिकारियों ने पुलिस अधीक्षक व जिलाधीश को ज्ञापन सौंपते हुए सिविल लाइन थाना प्रभारी प्रमोद डडसेना के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की है।
क्या है मामला?
CG ई खबर के संपादक ओम प्रकाश पटेल ने शिकायत में बताया कि 28 जून 2025 को उनकी संस्था ने एक समाचार प्रकाशित किया था, जिसमें समग्र शिक्षा कार्यालय कोरबा में डीएमसी मनोज पांडे द्वारा ममता सोनी नामक महिला की कथित रूप से नियमविरुद्ध पदस्थापना का मामला उठाया गया। यह रिपोर्ट शिकायतकर्ता सरोज कुमार साहू द्वारा जिलाधीश को सौंपे गए दस्तावेजों के आधार पर तैयार की गई थी।
लेकिन इसके बाद 6 जुलाई 2025 को ममता सोनी द्वारा कोरबा जिला पुलिस अधीक्षक महोदय के पास लिखित में एक शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें CG ई खबर द्वारा प्रकाशित किए गए खबर को झूठा बताया गया। इस शिकायत को बिना किसी प्राथमिक जांच या वैधानिक सूचना के रामपुर सिविल लाइन थाना भेजा गया।
थाने में हुआ पत्रकार का अपमान
CG ई खबर के प्रमुख संपादक ओम प्रकाश पटेल के अनुसार, 22 जुलाई 2025 को उन्हें सिविल लाइन थाना बुलाया गया। जब उन्होंने बुलावे का कारण जिस आरक्षक द्वारा बुलाया गया था उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि ममता सोनी नामक आवेदिका ने आपके खिलाफ शिकायत की है कि आपने उनके खिलाफ गलत न्यूज़ प्रकाशित किये हैं ऐसा उनका जवाब रहा, उसके पश्चात संपादक द्वारा कहा गया कि आप उनके द्वारा जो ये मेरे न्यूज़ की कॉपी लगाए हैं उसे पढ़ लेना था उसके हिसाब से आपको खुद ज्ञात हो जाता कि ये मामला विभागीय जांच का मामला है न कि पत्रकारों को इस तरह से थाना बुलाकर पूछने का बयान लेने का अगर इस मामले को गलत तरीके से प्रकाशित किये रहते तब आप हमें बुलाते और इसमें हमारा बयान लेते या सजा के हकदार होते तो आप हमें न्यायाधीश के पास पेस करते।
आरक्षक महोदय से बात करने के बाद जब हम थाना प्रभारी महोदय से मिलने के लिए गए तो
थाना प्रभारी प्रमोद डडसेना ने न सिर्फ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, बल्कि उंगली दिखाकर धमकाते हुए कहा –
"क्या तुम्हारे पास पत्रकारिता की डिग्री है?"
"ये थाना मेरा है, मेरे हिसाब से चलेगा!"
यहां तक कहा कि
"अगर तुम्हारे ऊपर एक्सटॉर्शन का केस होता तो?"
यह व्यवहार प्रेस की स्वतंत्रता के विरुद्ध तो है ही, साथ ही मानवाधिकारों का भी उल्लंघन है। पत्रकार ने यह भी उल्लेख किया कि प्रमोद डडसेना का पूर्व में भी विवादित इतिहास रहा है और उन पर माननीय हाईकोर्ट बिलासपुर के आदेश पर FIR दर्ज हो चुका है।
प्रमुख मांगें
CG ई खबर के संपादक ओम प्रकाश पटेल ने प्रशासन और मानवाधिकार आयोग से निम्न मांगें की हैं:
- पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।
- थाना प्रभारी प्रमोद डडसेना पर संवैधानिक मर्यादा भंग करने के लिए विभागीय कार्रवाई की जाए।
- पत्रकार की गरिमा एवं कार्य स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- छत्तीसगढ़ राज्य मानवाधिकार आयोग इस प्रकरण को स्वतः संज्ञान में लेकर कार्रवाई करे।
- भविष्य में किसी भी दमनात्मक कार्रवाई या उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान की जाए।
निष्कर्ष:
यह मामला केवल एक पत्रकार के अपमान का नहीं, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ – मीडिया की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है।
CG ई खबर और सर्व पत्रकार एकता महासंघ छत्तीसगढ़ इस पूरे मामले में पारदर्शिता, निष्पक्षता और पत्रकारों की गरिमा की रक्षा की मांग करता है।
"अगर पत्रकार जनहित के मुद्दे उठाएंगे और उन्हें इस तरह थानों में बुलाकर डराया जाएगा, तो यह न केवल लोकतंत्र को कमजोर करेगा, बल्कि प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े करेगा।"