हाईकोर्ट में छोटे खातेदारों की जीत, एसईसीएल की याचिका खारिज – 1991 पुनर्वास नीति से मिलेगा रोजगार


छोटे खातेदारों की बड़ी जीत, हाईकोर्ट ने एसईसीएल की याचिका खारिज की

कोरबा/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डिविजनल बेंच ने छोटे खातेदार भूविस्थापितों के पक्ष में अहम फैसला सुनाते हुए एसईसीएल की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने साफ किया कि रोजगार और पुनर्वास उन्हीं नीतियों के तहत दिया जाएगा, जो भूमि अर्जन के समय लागू थीं।

एकल पीठ ने पहले ही आदेश दिया था कि हर खातेदार को रोजगार और पुनर्वास का अधिकार है। इसके खिलाफ एसईसीएल ने कोल इंडिया पॉलिसी 2012 के तहत 2 एकड़ में एक रोजगार के फार्मूले को सही ठहराते हुए याचिका लगाई थी, लेकिन डिविजनल बेंच ने 1991 की मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ आदर्श पुनर्वास नीति को ही मान्य माना।

भूविस्थापितों में खुशी की लहर
ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने इस फैसले का स्वागत किया है। संगठन अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने कहा कि 2004 से 2010 के बीच हुई भूमि अधिग्रहण में पुराने नियम लागू थे, लेकिन नई पॉलिसी से छोटे किसानों को भारी नुकसान हुआ था। सभी क्षेत्रों के किसानों की याचिकाओं को मिलाकर हाईकोर्ट ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिससे भूविस्थापित परिवारों में उम्मीद जगी है।

उन्होंने आरोप लगाया कि एसईसीएल प्रबंधन राज्य प्रशासन के साथ मिलकर आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है, ऐसे में यह फैसला किसानों के लिए बड़ी राहत है।

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