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कुसमुण्डा खदान बनी डीजल-कोयला चोरी का गढ़, माफिया के आगे लाचार सुरक्षा तंत्र


कोरबा।
जिले की एसईसीएल कुसमुण्डा खदान इन दिनों कोयला और डीजल चोरी का अड्डा बन चुकी है। एक नम्बर के काम की आड़ में दो नम्बर का खेल खुलेआम चल रहा है। अब तक कोयला चोरी के महज 2-3 मामले पकड़े गए और एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन गोरखधंधा रुकने के बजाय और तेज हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक, डीजल चोरी का एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें खदान क्षेत्र और भारी मशीनों के कार्यस्थलों पर गिरोह की दबंगई साफ नजर आती है। हैरानी की बात है कि एसईसीएल के अधिकारी, सुरक्षा अमला, केंद्रीय सुरक्षा बल और त्रिपुरा राइफल्स तक इस माफिया के आगे लाचार दिखते हैं।

शिकायतें, पर कार्रवाई नदारद
कुसमुण्डा खदान में डीजल चोरी को लेकर सुरक्षा विभाग को लगातार शिकायतें मिलती रही हैं। पिछले महीनों में:

  • डम्पर क्रमांक K-928 से RBR बेल्ट के पास कैम्पर अड़ा कर और चाबी निकालकर पूरा डीजल चोरी कर लिया गया।
  • डम्पर क्रमांक K-941 से सतर्कता चौक के पास रात 3:40 बजे डीजल चोरी हुई।
  • डम्पर क्रमांक S-886 से डीजल चोरी की भी लिखित शिकायत दर्ज की गई।

लेकिन किसी भी मामले में अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई, और यदि हुई भी तो उसे सार्वजनिक नहीं किया गया। माना जा रहा है कि मशीनों और डम्परों से चोरी हुआ डीजल अंदर ही खपाया जाता है, जिससे एसईसीएल को हर महीने लाखों-करोड़ों का नुकसान हो रहा है।

चोरी के इस नेटवर्क का संचालन 5 हजार रुपये के इनामी नवीन कश्यप और बलगी निवासी परमेश्वर कर रहे हैं।

गैंग की सक्रिय लोकेशन

  1. बरमपुर कन्वेयर बेल्ट के अंदर
  2. खमरिया पुराने पेट्रोल पंप के पीछे
  3. गेवरा रोड रेलवे स्टेशन के पास
  4. खोडरी की ओर रात के अंधेरे में बिना नंबर प्लेट की बोलेरो और कैम्पर गाड़ियां डीजल से लबालब भरकर निकलती हैं।

कभी-कभार कार्रवाई होने पर चोरी का पैमाना कुछ समय के लिए घट जाता है, लेकिन जल्द ही माफिया फिर उसी रफ्तार से सक्रिय हो जाते हैं।

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