जिला शासन-प्रशासन और प्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, अधिकार की लड़ाई में जेल जाने को तैयार ग्रामीण


कोरबा/कुसमुंडा। (CG ई खबर) :
  ग्राम पंचायत खोडरी के भूस्वामियों ने खनन कार्य पर रोक लगाते हुए अपने अधिकार की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया है। ग्रामवासी शिव कुमारी कंवर ने बताया कि अर्जन की प्रक्रिया पूरी हुए 10 से 15 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन आज तक प्रभावित परिवारों को रोजगार, मुआवजा और पुनर्वास नहीं मिल पाया है। इसके लिए ग्रामीणों को लगातार हड़ताल और संघर्ष करना पड़ रहा है।

ग्रामवासियों का आरोप है कि SECL कुसमुंडा के वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ दुर्व्यवहार करते हैं और क्षेत्रीय थाना अधिकारी उन्हें जेल में डालने की धमकी देते हैं। यह कार्यवाही अवैधानिक बताते हुए शिव कुमारी कंवर ने कहा कि SECL प्रबंधन पुलिस के साथ मिलकर ग्रामीणों को उनकी जमीन से जबरन बेदखल कर रहा है, जो न्याय व्यवस्था और प्रभावितों के अधिकारों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक रोजगार, मुआवजा और पुनर्वास नहीं मिलेगा तब तक वे खदान परिसर से नहीं हटेंगे और अपने अधिकार के लिए जान देने को भी तैयार हैं।

इस आंदोलन को ग्राम नरईबोध किसान सभा इकाई के अध्यक्ष रमेश दास और उनके साथियों का समर्थन मिला है। रमेश दास ने कहा कि बिना मुआवजा, रोजगार और बसावट दिए जमीन का अधिग्रहण करना न्यायोचित नहीं है। यह भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 का उल्लंघन है और भूमि स्वामी की सहमति के बिना कब्जा करना पूरी तरह अवैध है।

उन्होंने जिला शासन-प्रशासन से अपील की है कि राष्ट्रीय हित में कोयला उत्खनन ज़रूरी है, लेकिन पहले प्रभावितों को उनका अधिकार सुनिश्चित किया जाए। यदि समय रहते समाधान नहीं निकला तो विवाद और बढ़ सकता है।

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