कोरबा। (CG ई खबर) : छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय आह्वान पर 22 अगस्त 2025 को जिले के कर्मचारी और अधिकारी "काम बंद-कलम बंद" आंदोलन के तहत सड़कों पर उतरेंगे। आंदोलन का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई "गारंटी" को लागू कराना और 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाना है।
फेडरेशन की प्रमुख मांगों में – कर्मचारियों को कैशलेस सुविधा, 300 दिवस का अवकाश नकदीकरण, चार स्तरीय समयमान वेतनमान, पिंगुआ समिति की सिफारिशों का प्रकाशन, सेवा निवृत्ति की आयु 65 वर्ष करना सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।
फेडरेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि शासन-प्रशासन से बार-बार निवेदन के बावजूद ठोस पहल नहीं की गई। 16 जुलाई को सांकेतिक धरना-रैली और 20 अगस्त तक सरकार को मांगें पूरी करने का आग्रह किया गया था, लेकिन सरकार ने केवल 2% लंबित महंगाई भत्ता देने की घोषणा की, जबकि अन्य मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया। इसी वजह से संगठन अब 22 अगस्त को प्रस्तावित आंदोलन को लेकर अडिग है।
जिले के सभी विकासखंडों में पदाधिकारियों ने दौरा कर कर्मचारियों तक सामूहिक अवकाश आवेदन प्रेषित कर दिया है और निगरानी दल भी नियुक्त कर दिए गए हैं। फेडरेशन के संयोजक के. आर. डहरिया, जगदीश खरे, तरुण सिंह राठौर, एस. एन. शिव और ओमप्रकाश बघेल ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि आंदोलन के दिन आपात कार्य विभाग को छोड़कर अन्य सभी विभागों का कामकाज पूरी तरह प्रभावित रहेगा।
जिलास्तरीय धरना 22 अगस्त को आईटीआई तानसेन चौक, कोरबा में सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित किया जाएगा। इसके बाद रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।
फेडरेशन ने जिले के सभी कर्मचारी अधिकारियों से आंदोलन में शत-प्रतिशत शामिल होकर इसे ऐतिहासिक बनाने की अपील की है।