महिला अधिकारी द्वारा दर्ज FIR के बाद अब इस प्रकरण के मुख्य गवाह और संघ पदाधिकारी श्री ओमप्रकाश बघेल को मनोज पाण्डेय द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने और विभागीय कार्यवाही का भय दिखाने का आरोप सामने आया है। श्री बघेल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह खुलासा किया है कि उन्हें मामले में गवाही देने से रोकने के लिए "कारण बताओ सूचना पत्र" जारी किया गया है।
गवाही देने पर दबाव, समझौते के प्रयास भी किए गए
श्री बघेल, जो कि छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष एवं छ.ग. कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन, जिला कोरबा के जिला प्रवक्ता भी हैं, ने बताया कि डीएमसी मनोज पांडेय द्वारा पहले उन्हें समझौता करने के लिए कई माध्यमों से कॉल, मैसेज और दबाव डाला गया। जब समझौता करने से उन्होंने इनकार कर दिया, तब 22 जुलाई 2025 को एक विभागीय नोटिस उनके नाम जारी किया गया, जो 10 दिन बाद 1 अगस्त को उन्हें प्राप्त हुआ।
नोटिस में उल्लेख किया गया कि श्री बघेल ने बिना जांच निष्कर्ष के वेब और प्रिंट मीडिया में अधिकारी के खिलाफ खबरें प्रकाशित कराईं, जो कि सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन है। श्री बघेल ने स्पष्ट किया कि उन्होंने यह पत्र बतौर संघ के पदाधिकारी जिला प्रशासन को भेजा था, न कि विभागीय पद के आधार पर।
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नोटिस |
प्रशासन पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप
श्री बघेल ने सवाल उठाया कि जब महिला अधिकारी की शिकायत पर FIR दर्ज हो चुकी है और डीएमसी के विरुद्ध गंभीर आरोप हैं, तो अब तक जिला प्रशासन या शिक्षा विभाग ने आरोपी अधिकारी के विरुद्ध कोई कारण बताओ सूचना पत्र क्यों नहीं जारी किया? क्या सिविल सेवा आचरण नियम सिर्फ छोटे कर्मचारियों पर ही लागू होता है?
उन्होंने यह भी स्मरण कराया कि वर्ष 2023 में मानसिक प्रताड़ना जैसे ही आरोप के मामले में तत्कालीन BRC कोरबा को बिना जांच के निलंबित कर दिया गया था। फिर DMC मनोज पांडेय को अभी तक पद से हटाने और निलंबित करने में विभाग क्यों देरी कर रहा है, यह विचारणीय है।
संगठनों ने उठाई मांग, दी चेतावनी
इस पूरे मामले पर कई संगठनों ने भी नाराजगी जताई है।
संघ पदाधिकारियों -
- जेपी खरे, प्रदेश सचिव, छ.ग. शासकीय लिपिक वर्गीय संघ
- तरुण सिंह राठौर, संभागीय अध्यक्ष, छ.ग. शिक्षक संघ
- एस.एन. शिव, जिलाध्यक्ष, छ.ग. राज्य कर्मचारी संघ
- प्रकाश खाकसे, जिलाध्यक्ष, दिव्यांग अधिकारी कर्मचारी संघ
सभी ने संयुक्त रूप से मांग की है कि आरोपी अधिकारी श्री मनोज पांडेय को तत्काल पद से हटाया जाए और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए। अन्यथा समग्र शिक्षा कार्यालय के समक्ष उग्र आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
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