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अधिकारों की लड़ाई लड़ रहीं आदिवासी महिला पर झूठा FIR – SECL और प्रशासन पर गंभीर आरोप


कुसमुंडा, कोरबा | (CG ई खबर) 21 अगस्त 2025 : 
ग्राम खोडरी की निवासी शिव कुमारी कंवर और उनकी मां नीरा बाई सहित 7-8 अन्य ग्रामीणों पर BNS की धारा 126(2), 191(2) के तहत कुसमुंडा थाना में FIR दर्ज की गई है, जिसे स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने झूठा व बेबुनियाद बताया है।

आरोप है कि यह FIR SECL कुसमुंडा प्रबंधन, जिला प्रशासन, और स्थानीय थाना की मिलीभगत से की गई है, ताकि जमीन अधिग्रहण के खिलाफ उठ रही आवाजों को दबाया जा सके।

शिव कुमारी कंवर और अन्य ग्रामीण SECL द्वारा जबरन भूमि अधिग्रहण और मुआवजा न मिलने के खिलाफ संवैधानिक अधिकारों के तहत संघर्ष कर रहे हैं। आरोप है कि:

SECL अधिकारियों द्वारा किए गए संभावित कानून उल्लंघन:

  • बिना सहमति के भूमि अधिग्रहण – IPC 447, 420
  • आदिवासी महिलाओं से दुर्व्यवहार – IPC 354, 509
  • बिना मुआवजा दिए जमीन पर कब्जा – IPC 447, 420
  • संपत्ति से आपराधिक विश्वासघात – IPC 403, 406

ग्रामीणों ने SECL अधिकारियों

  • सचिन ताना पाटील (AREA GM)
  • S.B. अतुल सिंह (Project GM)
  • कपिल चौहान (L&R Officer)


पर सुनियोजित षड्यंत्र और उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

पुलिस और प्रशासन की चुप्पी:

शिव कुमारी कंवर द्वारा 112 पर कॉल किए जाने पर कथित रूप से जवाब मिला – "हम इस पर कुछ नहीं कर सकते।"
यह कथन पुलिस की निष्क्रियता और प्रशासनिक पक्षपात को दर्शाता है।

सामाजिक संगठनों का आक्रोश:

नरईबोध इकाई के अध्यक्ष रमेश दास ने जिला प्रशासन की तानाशाही रवैये की निंदा करते हुए कहा:

"संविधान के रक्षकों को एकतरफा होते देख आज न्याय व्यवस्था पर सवाल उठता है। यदि प्रशासन केवल SECL के लिए कार्य करेगा, तो आम जनता के लिए अलग से पुलिस व्यवस्था की जाए।"

क्या है मांग?

ग्रामीणों की मांग है कि:

  • SECL अधिकारियों पर उचित धाराओं में FIR दर्ज की जाए
  • झूठे केस वापस लिए जाएं
  • प्रभावितों को उचित मुआवजा और न्याय दिलाया जाए

इस पूरे घटनाक्रम ने प्रशासनिक निष्पक्षता, न्यायिक प्रणाली और जन अधिकारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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