जांजगीर-चांपा (CG ई खबर): जांजगीर-चांपा जिले के बिर्रा थाना क्षेत्र में लापता हुए ग्राम करही के उपसरपंच महेन्द्र बघेल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। दिनांक 06 सितम्बर की रात से लापता महेन्द्र का शव पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद 08 सितम्बर को डभरा क्षेत्र के साराडीह गांव के पास महानदी से बरामद किया।
इस तरह खुला हत्या का राज
जांच के दौरान महेन्द्र के भाई ने शक जताया कि ग्राम करही सरपंच पति राजकुमार साहू ने अनहोनी की है। पुलिस ने शक के आधार पर संदिग्धों को पकड़ा और पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ। आरोपियों ने बताया कि शासकीय निर्माण कार्यों से जुड़ी पुरानी रंजिश और व्यक्तिगत विवाद की वजह से इस हत्या को अंजाम दिया गया।
06 सितम्बर की रात सरपंच पति राजकुमार साहू ने अपने साथियों के साथ मिलकर उपसरपंच को बुलाया और शराब पिलाने के बाद गमछा से गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद कार से शव को बरेकेल पुल ले जाकर महानदी में फेंक दिया गया। वहीं मृतक की नीली पल्सर बाइक को भी नदी में फेंक दिया गया।
गिरफ्तार आरोपी
- राजू उर्फ शैलेष कश्यप (24)
- राजेंद्र कुमार साहू (22)
- दुर्गेश आदिल्य (19)
- जितेंद्र कश्यप (27)
- कान्हा यादव (20)
- भास्कर मांझी (24)
- राजकुमार साहू (29)
साथ ही दो विधि विरुद्ध संघर्षरत बालक को भी पकड़ा गया है।
पुलिस की बड़ी चुनौती
बरसाती दिनों में उफनती महानदी से शव बरामद करना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। डीडीआरएफ की मदद और ड्रोन कैमरे के प्रयोग से लगभग 30-35 किलोमीटर दायरे में लगातार तलाश की गई। अंततः साराडीह गांव के पास नदी के टापू से शव मिला।
एसडीओपी सिदार की कलम से
“यह मामला केवल अपराधियों को पकड़ने तक सीमित नहीं था, बल्कि पीड़ित परिवार और ग्रामीणों के आक्रोश के बीच कानून-व्यवस्था बनाए रखना भी बड़ी चुनौती थी। टीमवर्क, धैर्य और रणनीति के बल पर असंभव लगने वाला कार्य संभव हुआ। यह जांजगीर-चांपा पुलिस की संवेदनशीलता और समर्पण का उदाहरण है।”
इस कार्रवाई में पुलिस अधीक्षक विजय पाण्डेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप, एसडीओपी यदुमणी सिदार समेत कई थाना प्रभारियों और स्टाफ की सराहनीय भूमिका रही।