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कोरबा (CG ई खबर) :भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने अपनी ही भाजपा सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया है। उनके इस कदम से प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है।

ननकी राम कंवर, जिन्होंने कांग्रेस शासनकाल के पीएससी घोटाला, कोयला घोटाला, डीएमएफ घोटाला, शराब घोटाला, सीजीएमएससी दवाई खरीदी घोटाला, महादेव सट्टा एप घोटाला, जल जीवन मिशन घोटाला जैसे कई मामलों को उजागर कर केंद्र सरकार तक शिकायत पहुंचाई थी, उन्हीं की सक्रियता को भाजपा की प्रदेश सरकार बनने का श्रेय माना जाता है। लेकिन अब वही कंवर अपनी ही सरकार के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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उन्होंने कोरबा कलेक्टर अजीत बसंत को “हिटलर प्रशासक” की संज्ञा देते हुए आरोप लगाया कि प्रशासन दुर्भावनापूर्ण तरीके से भाजपा कार्यकर्ताओं और आम जनता की आवाज दबाने का काम कर रहा है। कंवर ने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं को टारगेट कर राइस मिल सील कर दी गई, निजी जमीन पर बना बाउंड्रीवॉल तोड़ दिया गया, पेट्रोल पंप सील कर दिया गया और एक वरिष्ठ पत्रकार का घर भी बरसात में ढहा दिया गया।
कंवर का आरोप है कि कलेक्टर अजीत बसंत के कार्यकाल में—
- 40,000 स्व-सहायता समूह की महिलाओं के साथ अरबों रुपये की ठगी हुई, लेकिन प्रशासन ने मदद नहीं की।
- मालगांव व रलिया में करोड़ों रुपये का फर्जी मुआवजा पास हुआ, पर असली भू-विस्थापितों को मुआवजा नहीं मिला।
- कोरबा में रेत चोरी, राखड़ परिवहन धड़ल्ले से जारी है।
- डीएमएफ के करोड़ों रुपये अवैध तरीके से खर्च किए गए।
- बालको कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए खनिज न्यास का 29 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने उनकी शिकायतों को गंभीरता से लिया और जांच के निर्देश भी दिए, लेकिन राज्य सरकार और प्रशासन ने अब तक किसी भी स्तर पर कार्रवाई नहीं की।
ननकी राम कंवर ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 3 दिन के भीतर कलेक्टर अजीत बसंत का तबादला नहीं किया गया तो वे शासन-प्रशासन के खिलाफ धरना देंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
उन्होंने इसकी लिखित सूचना मुख्यमंत्री, भाजपा प्रदेश संगठन, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय और पुलिस मुख्यालय रायपुर को भेज दी है।

