ग्राम सरकार के पास नहीं है खुद का पंचायत भवन, खुले मंच पर लिए जाते हैं ग्राम विकास योजनाओं के निर्णय
डीएमएफ से 46 नवीन ग्राम पंचायत भवन निर्माण की स्वीकृति में नहीं मिली जगह
कोरबा/पाली (CG ई खबर): खनिज राजस्व से सम्पन्न कोरबा जिला जहां पूरे प्रदेश के विकास में अहम योगदान दे रहा है, वहीं इसी जिले की एक ग्राम पंचायत आज भी बुनियादी सुविधा से वंचित है। स्थिति यह है कि ग्राम पंचायत डोंगानाला का सारा कामकाज वर्षों से खुले मंच पर हो रहा है, क्योंकि यहां पंचायत भवन जर्जर होकर उपयोग के लायक नहीं बचा।
पाली जनपद पंचायत अंतर्गत वर्ष 1996-97 में अस्तित्व में आई ग्राम पंचायत डोंगानाला का भवन ढाई दशक पूर्व बना था। समय के साथ भवन पूरी तरह जर्जर हो गया, बरसात में पानी रिसता, दीवारों से प्लास्टर झड़ने लगा और असुरक्षित हालात के चलते पंचायत प्रतिनिधियों ने भवन को ताला जड़ दिया। मजबूरी में ग्रामसभा से लेकर पंचायत की बैठकों तक सब कुछ खुले मंच पर करना पड़ रहा है।
इस स्थिति के कारण न केवल सरकारी निर्णयों की गोपनीयता प्रभावित होती है बल्कि ग्रामवासियों की भागीदारी भी कम हो जाती है। मौसम खराब होने पर बैठकें बाधित होती हैं और लोगों को योजनाओं व सेवाओं के लिए भटकना पड़ता है।
इधर, कोरबा विधायक एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के मार्गदर्शन में कलेक्टर अजीत वसंत ने जिले की भवनविहीन व जर्जर पंचायतों के लिए जिला खनिज न्यास मद (DMF) से 9 करोड़ 20 लाख रुपए की स्वीकृति दी है। पाली ब्लॉक की 14 पंचायतों को 2.80 करोड़ की स्वीकृति भी मिली है, लेकिन डोंगानाला को सूची से बाहर रख दिया गया।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि कई बार प्रशासन को ज्ञापन देकर भवन की दयनीय स्थिति व खुले मंच पर बैठकों की मजबूरी से अवगत कराया गया, परंतु अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
यह स्थिति साफ करती है कि जहां मजबूत भवन वाली पंचायतों को नई स्वीकृति मिल गई, वहीं जिन जगहों पर भवन की नितांत आवश्यकता है, वहां उपेक्षा बरती जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते ध्यान नहीं दिया, तो विकास कार्यों और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर सीधा असर पड़ेगा।
ग्रामीणों की मांग है कि शासन-प्रशासन तत्काल डोंगानाला पंचायत भवन निर्माण की स्वीकृति दे, ताकि गांव विकास की मुख्यधारा में आगे बढ़ सके।