कोरबा 24 सितम्बर 2025 (CG ई खबर): एसईसीएल प्रभावित क्षेत्रों में भूमि अर्जन और मुआवजा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने कलेक्टर अजीत वसंत ने बड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने एसईसीएल कोरबा, गेवरा, कुसमुण्डा और दीपका के महाप्रबंधकों को निर्देश जारी कर परिसंपत्तियों के सर्वेक्षण एवं भुगतान में नई कार्यप्रणाली अपनाने कहा है।
अब भूमि अर्जन के बाद परिसंपत्तियों का सर्वेक्षण सैटेलाइट इमेज/ड्रोन तकनीक से होगा, ताकि मुआवजे में गड़बड़ी और विवाद की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। इससे गांव के मूल निवासियों को उनकी परिसंपत्तियों का सही मूल्यांकन मिलेगा, वहीं उन लोगों पर रोक लगेगी जो केवल मुआवजा लेने के उद्देश्य से शासकीय और निजी भूमि पर कृत्रिम रूप से निर्माण कर लेते हैं।
कलेक्टर द्वारा जारी 11 बिंदुओं के दिशा-निर्देशों में यह भी कहा गया है कि –
- कोल बियरिंग एक्ट 1957 की धारा 4 (1) के प्रकाशन के बाद तुरंत ड्रोन सर्वे कर उसकी कॉपी जिला प्रशासन व संबंधित पंचायत/निकाय को उपलब्ध कराई जाए।
- सर्वेक्षण संयुक्त टीम द्वारा होगा जिसमें राजस्व अधिकारी और एसईसीएल कर्मी शामिल रहेंगे।
- जीपीएस आधारित जियो-टैगिंग और वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी।
- परिवारवार नहीं, बल्कि भूमि स्वामी के नाम पर ही परिसंपत्तियों का सर्वेक्षण किया जाएगा।
- शासकीय भूमि पर अवैध निर्माण को मुआवजा सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।
कलेक्टर वसंत ने स्पष्ट किया कि इस कदम से किसानों और ग्रामीणों के हक की रक्षा होगी, साथ ही शासन की बड़ी राशि की बचत भी सुनिश्चित होगी। उन्होंने एसईसीएल प्रबंधन को इन निर्देशों का पालन करते हुए त्वरित कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
यह निर्देश पारदर्शिता, निष्पक्षता और ग्रामीण हितों की सुरक्षा की दिशा में एक अहम पहल मानी जा रही है।

