रतनपुर नगर पालिका में रिश्वतखोरी का बड़ा खुलासा : WhatsApp बारकोड से मांगे 50 हज़ार


बिलासपुर/रतनपुर…(CG ई खबर) : 
नगर पालिका रतनपुर में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है। ठेकेदार एवं इंजीनियर विक्रांत तिवारी ने बिलासपुर कलेक्टर को लिखित शिकायत देकर गंभीर आरोप लगाए हैं कि नगर पालिका के इंजीनियर श्रीरिल भास्कर ने उनसे WhatsApp पर बारकोड भेजकर पचास हजार से अधिक की रिश्वत की मांग की। रिश्वत देने से इंकार करने पर उनके कार्यों को निरस्त करने और ब्लैकलिस्ट करने की धमकी दी गई।

WhatsApp बारकोड बना सबूत

विक्रांत तिवारी ने बताया कि वे वर्ष 2010 से नगर पालिका में निविदा प्रक्रिया से निर्माण कार्य कर रहे हैं। नए अध्यक्ष के पदभार ग्रहण करने के बाद ठेकेदारों से खुलेआम रिश्वत की मांग की जाने लगी है। उनके अनुसार, एक कार्य का 8.50 लाख रुपये का भुगतान 3 माह तक रोका गया और रायपुर स्तर पर शिकायत के बाद ही राशि मिली। इसके बाद उन पर 15% कमीशन (लगभग 1.27 लाख रुपये) देने का दबाव बनाया गया। विरोध करने पर इंजीनियर ने सीएमओ और अपने हिस्से का 6% कमीशन यानी ₹51,000 की मांग करते हुए WhatsApp पर बारकोड भेजा।

धमकियों और षड्यंत्रों से प्रताड़ना

शिकायतकर्ता का कहना है कि रिश्वत न देने पर उनके साथ षड्यंत्र शुरू कर दिए गए। पंद्रहवें वित्त आयोग के कार्य को रद्द करने की धमकी WhatsApp पर दी गई। बैक डेट में नोटिस जारी कर तत्काल प्रभाव से पीआईसी की बैठक बुलाकर ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी भी की गई। बरसात में भी उप अभियंता ने लेआउट देने में देरी की और बाद में भूमि पूजन के कुछ दिनों बाद ही काम निरस्त कर राशि राजसात करने का नोटिस थमा दिया।

पुख्ता सबूतों के साथ शिकायत

विक्रांत तिवारी ने WhatsApp चैट और बारकोड के स्क्रीनशॉट भी प्रस्तुत किए हैं। उनका कहना है कि यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि नगर पालिका में अधिकारी डिजिटल माध्यम से भी रिश्वत मांगने से नहीं हिचक रहे।

पीएमओ और एसीबी तक पहुंचा मामला

उन्होंने इस पूरे प्रकरण की शिकायत की प्रतियां प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली, नगरीय निकाय एवं विकास विभाग रायपुर, एंटी करप्शन ब्यूरो बिलासपुर और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को भेजी हैं। साथ ही तत्काल जांच कर भ्रष्ट इंजीनियर व सीएमओ पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

प्रदेशभर में चर्चा

रतनपुर नगर पालिका का यह मामला प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन चुका है। WhatsApp बारकोड से रिश्वत मांगने की यह अनोखी घटना साफ तौर पर भ्रष्टाचार की निडर पराकाष्ठा को दर्शाती है। अब सबकी निगाहें एसीबी की जांच और प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी हुई हैं।

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