अंबिकापुर/सीतापुर (CG ई खबर): सरगुजा जिले के सीतापुर थाना क्षेत्र से एक सप्ताह पूर्व लापता हुए 15 वर्षीय छात्र के कथित अपहरण की गुत्थी आखिरकार सुलझ गई है। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि छात्र ने खुद ही झूठी अपहरण की कहानी रची थी।
मामला तब चर्चा में आया जब छात्र ने परिजनों को फोन कर बताया कि उसे जशपुर जिले के चिकनीपानी जंगल में पांच से अधिक अज्ञात लोगों ने बाइक समेत पिकअप वाहन में जबरन बैठाकर अपहरण कर लिया है। सूचना पर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अपहरण और लूट की धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी।
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी राजेश अग्रवाल ने तीन विशेष टीमों का गठन किया। पुलिस ने 50 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले और पाया कि छात्र द्वारा बताए गए पिकअप वाहन की लोकेशन और बयान मेल नहीं खा रहे थे। वाहन पुणे का रजिस्टर था और लगातार ओडिशा की ओर बढ़ रहा था, बीच में कहीं नहीं रुका था।
जब छात्र से दोबारा पूछताछ की गई तो उसके बयान बार-बार बदलने लगे। सख्ती से पूछने पर उसने सच्चाई बताई — उसे मोबाइल पर “64 लाख की लॉटरी” जीतने का कॉल आया था। कॉलर ने उसे धर्मजयगढ़ बुलाया, पर जब वह वहां पहुंचा तो कॉलर का फोन बंद मिला। डर के कारण उसने घरवालों की डांट से बचने के लिए झूठा अपहरण का ड्रामा रच दिया।
सीतापुर SDOP राजेंद्र मंडावी ने बताया कि छात्र की निशानदेही पर उसकी बाइक और स्कूल बैग बरामद कर लिए गए हैं। चूंकि छात्र नाबालिग है, इसलिए उस पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोर्ट में इस्तगासा प्रस्तुत किया जाएगा।
SDOP मंडावी की अपील: “पुलिस में रिपोर्ट तभी दर्ज कराएं जब वास्तव में अपराध घटित हुआ हो। झूठी रिपोर्ट से समाज में भ्रम फैलता है और पुलिस संसाधनों का दुरुपयोग होता है।”
यह घटना चेतावनी है कि कैसे फर्जी लॉटरी कॉल और ऑनलाइन ठगी के जाल में आकर एक नाबालिग छात्र ने अपनी और परिवार की प्रतिष्ठा को संकट में डाल दिया।
🔍 केस की मुख्य बातें:
- केस: सीतापुर छात्र अपहरण केस
- सच्चाई: झूठी अपहरण की कहानी
- कारण: 64 लाख की फर्जी लॉटरी का झांसा
- कार्रवाई: नाबालिग होने के कारण कोर्ट में इस्तगासा
- संदेश: झूठी रिपोर्ट से बचें, सतर्क रहें

