कोरबा जिले के बालको थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बेला से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें एक आदिवासी युवती को कथित तौर पर एक साल के "एग्रीमेंट" के बहाने पंजाब भेजकर बेचने का आरोप लगाया गया है। पीड़िता के पिता विष्णु मंझवार ने आरोप लगाया है कि गांव के ही निवासी सुखनंद उरांव ने उनकी 21 वर्षीय बेटी अमृता मंझवार को करीब आठ महीने पहले काम दिलाने के नाम पर पंजाब भेजा और अब तक उससे संपर्क नहीं हो पा रहा है।
विष्णु मंझवार ने बताया कि शुरुआत में उन्हें बेटी के भेजे जाने की जानकारी तक नहीं दी गई। जब उन्होंने सुखनंद से पूछताछ की, तो बताया गया कि बेटी को काम पर भेजा गया है। हालांकि, इसके बाद से न तो परिजनों की बेटी से बात हो सकी है और न ही उसकी कोई खबर मिल पाई है। परिजनों को आशंका है कि युवती के साथ कोई अनहोनी हो सकती है।
इस घटना को लेकर गांव में भय और आक्रोश का माहौल है। पीड़िता के पिता ने बालको थाने में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि उनकी बेटी को सुरक्षित वापस लाया जाए और इस कथित मानव तस्करी में शामिल सभी एजेंटों और ठेकेदारों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
फिलहाल पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या पुलिस समय रहते कार्रवाई कर पीड़ित परिवार को न्याय दिला पाएगी या नहीं।