प्रेम संबंध बना मौत की वजह पूजा पटेल मर्डर केस का खुलासा, प्रेमी लोकेश पटेल ने गला दबाकर की हत्या


कोरबा, 12 मई। 
थाना उरगा क्षेत्र में हुई पूजा पटेल की रहस्यमयी मौत के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। उरगा पुलिस ने जांच के बाद पाया कि यह मामला आत्महत्या नहीं बल्कि सुनियोजित हत्या का है, जिसमें मृतिका के प्रेमी लोकेश पटेल को गिरफ्तार कर लिया गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मर्ग क्रमांक 145/2024 धारा 194 बीएनएसएस के तहत की गई प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया कि दिनांक 25 नवंबर 2024 को दोपहर लगभग 3:20 बजे के पहले पूजा पटेल की उसके ही घर (सिलियारी भांठा, उरगा) में हत्या की गई थी। पोस्टमार्टम और अन्य रिपोर्ट्स के आधार पर प्रथम दृष्टया यह बात सामने आई कि पूजा की हत्या गला व मुंह दबाकर की गई। इस आधार पर थाना उरगा में अपराध क्रमांक 188/25 धारा 103(1) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया।

पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के निर्देश पर, उप निरीक्षक राजेश तिवारी (थाना प्रभारी उरगा) के नेतृत्व में एक टीम गठित कर मामले की बारीकी से जांच प्रारंभ की गई। जांच के दौरान मृतिका के परिवारजनों से पूछताछ में यह जानकारी मिली कि पूजा और संदेही लोकेश पटेल (निवासी आमापाली, सक्ती) के बीच मई 2024 से प्रेम संबंध थे और दोनों एक-दूसरे से मोबाइल पर बातचीत करते थे।

घटनास्थल की छानबीन में एक ज्वेलर्स पाउच (सराफा सक्ती) मिला, जिससे संदेह के आधार पर सराफा संचालक से पूछताछ की गई। जांच में यह सामने आया कि 23 नवंबर 2024 को लोकेश पटेल ने एक चांदी की चैन खरीदी थी, जिसका भुगतान फोन-पे के माध्यम से किया गया था। यह सुराग लोकेश तक पहुँचने में निर्णायक साबित हुआ।

पूछताछ में लोकेश पटेल ने स्वीकार किया कि घटना वाले दिन वह पूजा के घर मोटरसाइकिल से पहुँचा था। दोनों के बीच बातचीत के दौरान अन्य युवकों से बात करने को लेकर विवाद हुआ, जो मारपीट में बदल गया। लोकेश ने गुस्से में पूजा के चेहरे व गले में गमछा लपेटकर उसकी हत्या कर दी और बाद में पूजा के नाम से एक फर्जी सुसाइड नोट लिखकर घटनास्थल पर छोड़ दिया। हत्या के बाद वह रायगढ़ भाग गया।

पुलिस ने लोकेश की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त गमछा, मोटरसाइकिल व अन्य सबूत जब्त किए हैं। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।

इस संपूर्ण कार्रवाई में उप निरीक्षक राजेश तिवारी के नेतृत्व में सउनि परमेश्वर गुप्ता, सउनि संतराम सिन्हा, आरक्षक नितेश तिवारी, प्रेमचंद साहु, झंगल मंझवार, महासिंह व सैनिक शांतनु राजवाड़े की विशेष भूमिका रही।

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