वॉशिंगटन/नई दिल्ली, 24 मई 2025 — खुद
को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मित्र बताने वाले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और
मौजूदा रिपब्लिकन दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में मोबाइल निर्माण को लेकर सख्त
रुख अपनाया है। ट्रंप ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर मोबाइल कंपनियां—जैसे एप्पल और सैमसंग—अमेरिका
में स्मार्टफोन बेचती हैं, तो उन्हें यहीं निर्माण भी करना होगा,
वरना 25% "रेसीप्रोकल टैरिफ" (प्रत्युत्तर
शुल्क) झेलना पड़ेगा।
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत
करते हुए ट्रंप ने कहा, “यह नियम सिर्फ एप्पल नहीं, बल्कि सैमसंग और अन्य सभी ब्रांड्स पर लागू होगा। जो कंपनियां
अमेरिका में निर्माण करेंगी, उन्हें टैरिफ से छूट दी जाएगी, लेकिन अन्य को कड़ा शुल्क भरना होगा।”
ट्रूथ सोशल पर दिया बयान, एप्पल के शेयर गिरे
अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ
सोशल पर ट्रंप ने लिखा, “मैंने टिम कुक (एप्पल सीईओ) से कह दिया है — अमेरिका में बिकने वाला हर आईफोन, अमेरिका
में ही बनना चाहिए। वरना 25% आयात शुल्क तय है।” इस बयान के कुछ ही घंटों में एप्पल के शेयरों में 2.6% की गिरावट आ गई, जिससे
कंपनी का मार्केट कैप लगभग 70 अरब डॉलर घट गया।
भारत में एप्पल और सैमसंग की मौजूदगी
भारत में एप्पल ने हाल के वर्षों में
चीन से निर्माण शिफ्ट कर ‘मेक इन इंडिया’ को
बढ़ावा दिया है। अब अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश आईफोन भारत में निर्मित हो रहे
हैं। उधर, सैमसंग ने 2019 में
चीन में उत्पादन बंद कर भारत, वियतनाम, दक्षिण
कोरिया और ब्राजील में निर्माण केंद्र बनाए हैं।
हालांकि ट्रंप के अनुसार, सिर्फ अमेरिका में निर्माण करने वाली कंपनियों को ही टैरिफ में
छूट मिलेगी — भारत या अन्य देशों से आयातित उत्पादों
पर 25% टैरिफ लागू होगा।
विश्लेषण
ट्रंप की इस रणनीति से न सिर्फ एशियाई निर्माण इकाइयों पर असर
पड़ सकता है, बल्कि भारत के लिए यह एक चुनौती भी है,
जहां एप्पल और सैमसंग ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है। यह
बयान अमेरिका में चुनावी साल में ‘लोकल मैन्युफैक्चरिंग’ को लेकर ट्रंप की राष्ट्रवादी नीति को फिर उजागर करता है।
अब देखना होगा कि भारत की ओर से इस मुद्दे पर क्या कूटनीतिक प्रतिक्रिया आती है।