सारंगढ़-बिलाईगढ़। ग्राम पंचायत ग्वालिनडीह में सरपंच पद को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीट पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के ज़रिए चुनाव जीतने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने सरपंच मंजूलता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
ग्रामीणों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपते हुए मंजूलता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मंजूलता अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग से संबंधित हैं, बावजूद इसके उन्होंने खुद को एसटी वर्ग का बताकर फर्जी जाति प्रमाण पत्र तैयार कराया और आरक्षित सीट से चुनाव लड़कर सरपंच बनीं।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने मांग की है कि मंजूलता द्वारा प्रस्तुत जाति प्रमाण पत्र की निष्पक्ष जांच हो और यदि वह फर्जी पाया जाए, तो उन्हें तत्काल अयोग्य घोषित कर कानूनी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि लोकतंत्र की नींव नियमों और ईमानदारी पर टिकी होती है, और ऐसे पदों पर केवल वही व्यक्ति होने चाहिए जो पूर्ण रूप से योग्य और नियमों के अनुरूप हों।
अब सबकी निगाहें जिला प्रशासन पर टिकी हैं कि वह इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाता है। ग्रामीणों की स्पष्ट मांग है—फर्जीवाड़े पर लगे लगाम, दोषियों को मिले सज़ा।