कोरबा: लमरू रेंज में दुर्लभ किंग कोबरा का सफल रेस्क्यू, वन विभाग और नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी की संयुक्त पहल
कोरबा, 21 जून – कोरबा वनमंडल अंतर्गत लमरू रेंज में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक सराहनीय कदम देखने को मिला, जब एक दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजाति के किंग कोबरा (Ophiophagus hannah) का सफल रेस्क्यू किया गया। यह अभियान वन विभाग एवं नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी की संयुक्त पहल से सम्पन्न हुआ।
यह घटना शुक्रवार दोपहर लगभग 2 बजे की है, जब एक स्थानीय किसान अपने खेत में कार्य कर रहा था। खेत के समीप एक गड्ढे में हलचल देख कर उसने नज़दीक जाकर देखा, तो वहां एक विशालकाय साँप दिखा। घबराए बिना किसान ने तत्काल वन विभाग को सूचित किया और बताया कि खेत में "पहाड़ चित्ती" (स्थानीय नाम) निकल आई है।
सूचना मिलते ही लमरू रेंज के वनरक्षक मौके पर पहुंचे और पुष्टि की कि यह किंग कोबरा है – विश्व का सबसे लंबा विषैला साँप। इसके बाद वनमण्डलाधिकारी मयंक अग्रवाल के मार्गदर्शन में नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी के विशेषज्ञों जितेंद्र सारथी, मयंक बागची और बबलू मारुवा को मौके पर भेजा गया। वैज्ञानिक प्रक्रिया, सतर्कता और सभी सुरक्षा उपायों के साथ जितेंद्र सारथी ने रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया। साँप को सुरक्षित रूप से पकड़ कर उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया गया।
इस अभियान में वन विभाग के याज्ञवल्क्य राणा, विकास बनर्जी, रामेश्वर सीदार, वनपाल श्रवण कुमार गायकी, वनरक्षक जय कंवर, शिवनारायण बिंझवार और सुखसागर सिंह की भी अहम भूमिका रही।
घटनास्थल पर विधिवत पंचनामा तैयार किया गया और उपस्थित ग्रामीणों को वन्यजीव संरक्षण, कानूनी दायित्व और मानवीय संवेदनशीलता के बारे में जानकारी दी गई। उन्हें यह भी बताया गया कि किसी भी वन्यजीव की उपस्थिति पर घबराने की बजाय वन विभाग को तत्काल सूचना दें, ताकि सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीके से समाधान किया जा सके।
वनमंडलाधिकारी मयंक अग्रवाल ने कहा, “किंग कोबरा जैसी संकटग्रस्त प्रजातियों का संरक्षण हमारी पर्यावरणीय जिम्मेदारी है। इस तरह के समन्वित रेस्क्यू अभियान न केवल वन्यजीवों की रक्षा करते हैं बल्कि समाज में जागरूकता और सहभागिता भी बढ़ाते हैं।”
यह अभियान छत्तीसगढ़ में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में वन विभाग, सामाजिक संस्थाओं और स्थानीय समुदाय के सहयोग का एक प्रेरणास्पद उदाहरण बनकर सामने आया है।