बिग ब्रेकिंग न्यूज़: छत्तीसगढ़ में FLN PMU भर्ती में भारी घोटाला, पैसे लेकर अपात्रों को दी जा रही नौकरी – पात्र अभ्यर्थी बाहर
रायपुर।( CG ई खबर) छत्तीसगढ़ की समग्र शिक्षा के अंतर्गत मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता (FLN) कार्यक्रम में PMU (Project Management Unit) भर्ती में बड़ा घोटाला सामने आया है। आरोप है कि पात्र चयनित अभ्यर्थियों को जानबूझकर हटाकर पैसे लेकर अपात्रों को नियुक्ति दी गई। इस पूरे मामले की लिखित शिकायत समग्र शिक्षा राज्य कार्यालय रायपुर में की गई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
🔎 सामने आए बड़े नाम:
इस कथित घोटाले में तीन प्रमुख अधिकारियों के नाम सामने आए हैं:
- एम. सुधीश (प्रोजेक्ट मैनेजर, समग्र शिक्षा)
- ऋषि पांडे (ACP, समग्र शिक्षा रायपुर)
- देवेंद्र पटेल (कंप्यूटर ऑपरेटर)
सूत्रों के अनुसार, इन अधिकारियों पर 2.5 से 3 लाख रुपये तक की अवैध वसूली का आरोप है, जिससे चयन सूची में नाम न होने के बावजूद कुछ अभ्यर्थियों को जॉइनिंग दी गई। जिन अभ्यर्थियों ने पैसे देने से इनकार किया, उन्हें बाहर कर दिया गया।
📋 चयन प्रक्रिया में अनियमितता:
- दिनांक 03.10.2024 को जारी 100 अभ्यर्थियों की सूची पर साक्षात्कार लिए गए।
- सहायक संचालक एम. सुधीश के हस्ताक्षरयुक्त चयन और प्रतीक्षा सूची जारी की गई थी।
- लेकिन आधे से अधिक पदों पर ऐसे लोगों को भर्ती किया गया जिनका नाम चयन सूची में नहीं था।
- कंपनी के HR द्वारा व्हाट्सएप पर भेजे गए मैसेज में जॉइनिंग से पहले देवेंद्र पटेल से संपर्क कर 'बात' करने को कहा गया – जो सीधे पैसे की मांग से जुड़ा मामला बताया गया है।
💰 NGO, यूट्यूब चैनल और पुराने घोटाले:
एम. सुधीश का नाम इससे पहले 'किलोल पत्रिका' और 'चर्चा पत्र' जैसे विवादास्पद प्रकाशनों में भी सामने आ चुका है, जिनके लिए स्कूलों से बजट लिया गया, लेकिन उनका कोई व्यावहारिक उपयोग नहीं था।
इसके अलावा, एम. सुधीश पर एनजीओ के संचालन, यूट्यूब चैनलों के ज़रिए निजी लाभ उठाने और शिक्षकों को जबरन जोड़ने के आरोप भी लगे हैं।
⚠️ वेतन में भारी विसंगति:
जिन अभ्यर्थियों को जॉइनिंग दी गई, उनके ऑफर लेटर में वेतनमान में भी भारी अंतर देखने को मिला। जब इस पर कंपनी से सवाल किया गया तो जवाब मिला, "हमें जैसा समग्र शिक्षा से निर्देश मिला, हमने वैसा किया।"
📣 जनहित की मांग:
इस पूरे घोटाले की CBI या आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से निष्पक्ष जांच की मांग उठ रही है। वंचित अभ्यर्थियों और शिकायतकर्ता कविता साहू ने राज्य शिक्षा विभाग व प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की अपील की है।
यह मामला केवल भर्ती में भ्रष्टाचार का नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के शिक्षा तंत्र की नींव को खोखला करने का है। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो यह भविष्य के हजारों योग्य उम्मीदवारों के हक और शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता दोनों के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।