कोरबा। खनिज विभाग के डायरेक्टर के निर्देश पर प्रदेशभर में चल रही अवैध खनन विरोधी मुहिम के तहत टास्क फोर्स की टीम ने शुक्रवार शाम सीतामणी रेत घाट पर दबिश दी। टास्क फोर्स के पहुंचते ही रेत माफियाओं में भगदड़ मच गई और कई मौके से फरार हो गए।
सूत्रों के मुताबिक, घाट पर खनन में लगी आठ जेसीबी में से केवल एक को ही टीम जब्त कर सकी। रेत माफियाओं की सक्रियता और सत्ता संरक्षण की वजह से कई वाहन मौके से पहले ही हटा लिए गए थे।
कार्रवाई के दौरान जब्त जेसीबी और अन्य गाड़ियों को थाना परिसर तक पहुंचाने के लिए टीम को निजी वाहन चालकों का सहारा लेना पड़ा।
सत्ता संरक्षण में फलफूल रहा रेत कारोबार
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि सीतामणी के अलावा मड़वारानी, कुदमुरा और झगरहा इलाकों में भी बड़े पैमाने पर अवैध रेत खनन हो रहा है। कुदमुरा की माड़ नदी से अवैध रेत निकालकर दिलीप बिल्डकॉन को सप्लाई किए जाने की पुष्टि हुई है। इस कड़ी में एक भाजपा नेता का वीडियो भी वायरल
हुआ था जिसमें वह ग्रामीण महिला को धमकाते हुए नजर आया था।
इसी तरह, झगरहा में बन रहे मेडिकल कॉलेज के लिए भी भाजपा से जुड़े नेताओं द्वारा अवैध रेत खनन कर सप्लाई की जा रही है। एनटीपीसी में निर्माण कार्य कर रही एक कंपनी भी धनगांव की रॉयल्टी का हवाला देकर झोरा घाट से रेत निकाल रही है और खुलेआम माइनिंग विभाग को चुनौती दे रही है।
लैंको पॉवर की गतिविधियों से बढ़ा खनन का दायरा
लैंको पॉवर को अडानी समूह द्वारा अधिग्रहित किए जाने के बाद निर्माण कार्य तेज हुआ है, जिसका फायदा उठाते हुए रेत माफियाओं ने खनन की गतिविधियां और तेज कर दी हैं। बताया जा रहा है कि झिंका के पास से भी रेत खनन कर लैंको में आपूर्ति की जा रही है।
प्रशासन की सख्ती से खनन माफिया दबाव में
खनिज विभाग के नेतृत्व में हो रही इस ताबड़तोड़ कार्रवाई से अवैध कारोबारियों में हड़कंप है। टास्क फोर्स की सक्रियता को देखते हुए रेत माफिया अपने राजनीतिक आकाओं को फोन कर मदद की गुहार लगा रहे हैं।
फिलहाल खनिज विभाग की ओर से कार्रवाई जारी है और आने वाले दिनों में अन्य घाटों पर भी इसी तरह की छापेमारी की संभावना जताई जा रही है।