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SECL कुसमुंडा में ग्रामीणों की हड़ताल पर लाठी नहीं, न्याय चाहिए: ज़मीन गई, नौकरी नहीं, ऊपर से जेल


कोरबा | शुक्रवार, 6 जून 2025 (CG ई खबर छत्तीसगढ़ राज्य ब्यूरो चीफ ओम प्रकाश पटेल) 
SECL कुसमुंडा खदान के बैल्ट लाइन चौक में गुरुवार को नौकरी और ज़मीन के हक को लेकर ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की सीधी मांग थी — “या तो ज़मीन वापस दो या फिर नौकरी दो।” लेकिन जवाब में उन्हें मिला तो सिर्फ पुलिस की कार्रवाई और जेल की सजा।

आक्रोशित ग्रामीण बोले – "SECL ने ज़मीन भी ली, नौकरी भी छीन ली"

हड़ताल में शामिल लंबोदर श्याम, गोमती कैवर्त, मिना बाई कंवर, विजय कुमार पटेल, विष्णु लाल, हरिशरण यादव, नारायण प्रसाद यादव, परदेशी कौशिक, हेमंत साहू, बसंती बाई, तीकईत राम, कमलेश्वरी कश्यप, अनिल कुमार बिंझवार समेत अन्य ग्रामीणों ने SECL पर गंभीर आरोप लगाए।

ग्रामीणों का कहना है कि उनकी ज़मीनें तो अधिग्रहण कर ली गईं, लेकिन बदले में जो नौकरी मिलनी थी, वह रिश्वतखोरों और फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे नौकरी पा चुके लोगों को दे दी गई।




फर्जी प्रमाण पत्र से मिली नौकरियां, असली ज़मीन मालिक दरकिनार

  • प्रदर्शनकारियों ने बताया कि:
  • कुछ लोग किसी और के पर्ची-पट्टा पर नौकरी कर रहे हैं।
  • कई मामलों में फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर गलत लोगों को नियुक्ति दी गई।
  • असली ज़मीन मालिक आज भी बेरोज़गार हैं और सालों से चक्कर काट रहे हैं।
  • इन सबकी जानकारी SECL प्रबंधन और प्रशासन को पहले से है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

हड़ताल के बाद प्रशासनिक कार्रवाई: न्याय की मांग पर जेल की सजा

गुरुवार को जब ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से धरने पर बैठे, तब मौके पर दीपका तहसीलदार दीपक केरकेट्टा तो पहुंचे, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इसके बाद कुसमुंडा पुलिस ने IPC की धारा 151 के तहत ग्रामीणों को गिरफ्तार किया, और धारा 107, 113 के तहत नोटिस देकर जेल भेज दिया गया।



प्रशासन पर पक्षपात का आरोप

इस कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त रोष है। उनका आरोप है कि प्रशासन पूरी तरह SECL के दबाव में काम कर रहा है और गरीबों की आवाज़ को दबाया जा रहा है।

> "लगता है क़ानून सिर्फ़ गरीबों के लिए है, अमीरों और कंपनियों को तो किसी नियम की ज़रूरत ही नहीं," –  पीड़ितो ने आक्रोश जताया।


अब क्या आगे...?

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे जल्द ही बड़े स्तर पर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे। उनका कहना है कि अगर शासन-प्रशासन अब भी नहीं जागा, तो ये आंदोलन जिला मुख्यालय तक जाएगा।

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