कोरबा, छत्तीसगढ़ | (CG ई खबर संवाददाता : शुभम धीवर)— चुंचुनी प्राथमिक शाला में मासूम छात्र अवल बंजारे की आंख में गंभीर चोट लगने की घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। लेकिन इस गंभीर हादसे के बाद भी जिम्मेदारों पर अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है।
शिक्षा व्यवस्था की लापरवाही, स्कूल प्रशासन की चुप्पी और विभागीय उदासीनता ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
बीईओ जांच में बड़ा खुलासा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में यह पुष्टि हुई कि घटना के दिन शिक्षिका इंद्राणी पाण्डेय स्कूल में अनुपस्थित थीं मगर उन्होंने किसी को बिना सूचना दिए ड्यूटी से गैरहाजिर रहना स्वीकारा नही किया है, बल्कि उसके जगह पर गोल मोल जवाब दे रही हैं।
यह भी सामने आया है कि जब अवल बंजारे को चोट लगी और वह पीड़ा में था, उस समय वहां कोई भी जिम्मेदार शिक्षक मौजूद नहीं था जो तुरंत चिकित्सा या प्राथमिक सहायता दिला पाता।
अब तक नहीं हुई कोई कार्रवाई
- इंद्राणी पाण्डेय की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, लेकिन शिक्षा विभाग अब तक चुप्पी साधे बैठा है।
- न ही उन्हें ड्यूटी से निलंबित किया गया है और न ही उनके विरुद्ध कोई विभागीय जांच शुरू हुई है।
- इसके विपरीत, अब वे मीडिया और विभाग को गुमराह करने के लिए लगातार गोलमोल जवाब दे रही हैं।
- स्कूल के प्रधान पाठक कृष्ण कुमार, अन्य सहायक शिक्षिका, और संकुल अधिकारी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है, क्योंकि उन्होंने भी इस गंभीर घटना को उपेक्षित किया।
कानूनी पहलू: ये धाराएं लग सकती हैं
इस घटना में भारत दंड संहिता (IPC) की निम्न धाराएं लागू हो सकती हैं:
- धारा 336 – मानव जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य
- धारा 337 – किसी के साथ लापरवाही से चोट पहुंचाना
- धारा 338 – गंभीर चोट पहुंचाना, जिससे जीवन को खतरा हो
इसके अलावा, छत्तीसगढ़ शिक्षा सेवा नियमों के तहत:
- शिक्षक की अनाधिकृत अनुपस्थिति,
- बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही,
- घटना की जानकारी छिपाना,
स्पष्ट रूप से दंडनीय अपराध हैं, और इसके तहत निष्कासन और आपराधिक कार्रवाई तक हो सकती है।
सबसे बड़ा सवाल – कौन देगा जवाब?
- क्या मासूम अवल बंजारे के आंखों के इलाज का खर्च इस गरीब परिवार को मिलेगा?
- क्या अवल को न्याय मिलेगा या फिर यह मामला भी फाइलों में दब जाएगा?
- क्या अशोक बंजारे के सपनों का सहारा अब ऐसे ही अंधेरे में गुम हो जाएगा?
- क्या शिक्षक वर्ग की इस लापरवाही को सरकार माफ कर देगी?
CG ई खबर की मांग
CG ई खबर सख्त मांग करता है कि –
- इंद्राणी पाण्डेय को तत्काल ड्यूटी से हटाया जाए।
- सभी जिम्मेदारों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
- बच्चे के इलाज का पूरा खर्च शासन द्वारा संभाला जाए।
- मामले की स्वतंत्र जांच समिति गठित कर 7 दिन में रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।